गीत- रुस्वा करूं {अजय माहिया}
खुदा करे के तु रूठे ओर मनाऊं मैइसी दिन के लिए,तुझे सताऊं मै ।
कैसा ये अफ़स़ाना,कैसी मोहब्बत है तुम्ही को रूस्वा करता जाऊं मै ।
कितनी सीदत से तुझे ,तराशा है खुदा नेलगता है कोई जन्नत की नूर है तू ।
तेरे लिए ही जीता हूं और मरता!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…