फायदा ही क्या है

बे’वजह ,असमय बोलने मे‌ तेरा फायदा ही क्या है,

अपनी कमजोरियों को दिखाने से फायदा ही क्या है ।।

सबको मालूम यहां स्वार्थी लोग निवास करने लगे हैं

फिर तेरे स्वार्थी या निस्वार्थी बनने‌ से फायदा ही क्या है ||

अजय माहिया
poemकविताशायरी