श्री राम शलाका प्रश्नावली उत्तर 4

उत्तर: खोटे मनुष्यों का संग छोड़ दो। कार्य पूर्ण होने में संदेह है।

चौपाई : बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥

अर्थ:-दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं, जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुहावना हो जाता है, किन्तु दैवयोग से यदि कभी सज्जन कुसंगति में पड़ जाते हैं, तो वे वहाँ भी साँप की मणि के समान अपने गुणों का ही अनुसरण करते हैं।

राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ में सत्संग वर्णन के प्रसंग में है।

सु प्र बि हो मु सु नु बि धि
रु सि सि रहिं बस हि मं अं
सुज सो सु कु धा बे नो
त्य कु जो रि की हो सं रा
पु सु सी जे सं रे हो नि
हूँ चि हिं तु
का मि मी म्हा जा हू हीं
ता रा रे री हृ का खा जू रा पू
नि को गो मु जि यँ ने मनि हि
हि रा मि रि न्मु खि जि जि जं
सिं नु कौ मि निज र्क धु सु का
गु रि नि ढँ ती
ना पु तु नु वै
सि हूँ सु म्ह रा
ला धी री हू हीं खा जू रा रे