इंसान नहीं, आप ईश्वर – वैद्य, चिकित्सक, डॉक्टर

इंसान नहीं, आप ईश्वर…

स्वीकार कीजिए कृतज्ञता,
देशभक्ति की आप पटकथा ।

दिल से आभार,
आप ना मानें हार ।

हर समय कार्यशील,
जैसे पत्थर मील ।

करें देश की सेवा,
ना रात, ना दिन देखा ।

आप हैं जैसे सैनिक,
तत्पर और निर्भीक ।

छोड़ परिवार व सुख,
करें देखभाल, भूल ख़ुद ।

आपके अनथक प्रयास,
डालते हममें आस ।

हम होते स्वस्थ,
आपकी मशक्कत ।

आप डालते ऊर्जा,
खिले चेहरा मुरझा ।

भावुक आज है मन,
तारीफ़ अनंत, शब्द कम ।

आंखें आज हैं नम,
देख आपका दमखम ।

पानी में जैसे नमक,
जाना आपका महत्व ।

अनगिनत उपकार,
प्रसन्नतापूर्वक उपचार ।

भाव से धन्यवाद,
कम पड़ रहे जज़्बात ।

आपके बहुत अहसान,
अब तक था अनजान ।

शुक्र गुज़ार और गर्व,
आप निभा रहे धर्म ।

नमन करूं हाथ जोड़,
ना आप, तो मैं कमज़ोर ।

आपका योगदान,
ना चाहे प्रमाण ।

लीजिए अभिवादन,
चित्त से अभिनन्दन ।

वैद्य, चिकित्सक, डॉक्टर,
इंसान दिखें, पर ईश्वर…
इंसान दिखें, पर ईश्वर…

स्वरचित – अभिनव ✍🏻

कविताकोरोना पर कविता
Comments (0)
Add Comment