मेरी प्यारी बेटी

मेरी प्यारी बेटी
नन्हे -नन्हे पग रखकर,
जब चलती गुड़िया प्यारी।
मुस्कान तेरी ऐसी,
कि मैं बलिहारी जाऊं।
नन्हे हाथों में,
जो कोमल सा एहसास।
पापा की परी,
मां की दुलारी।
मेरी गुड़िया प्यारी।
होठों पर बोल तोतले,
मुस्कान ये प्यारी सी।
इन पर लुटा दूं मैं,
दुनिया की सारी खुशियां।

poemकविता