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Preeti Chaudhary
अपने विचारों तथा अभिव्यक्तियों से दुनिया को अवगत कराने का सबसे अच्छा माध्यम है लेखन।
लेखन में वह शक्ति होती है जो किसी को भी मात दे सकती है। एक लेखक में वह कला होती है, जो अपनी लेखनी से लोगों के दिलों पर राज कर सकता है। आज हम जिस लेखिका से आप का परिचय कराने वाले हैं वह अपनी स्वछंद विचारधारा व स्वछंद लेखन के लिए जानी जाती हैंं। समाज में चारों तरफ फैली अराजकता, भ्रष्टाचार, अत्याचार व अपराधों ने इस लेखिका के हदय को व्यथित कर दिया और यही उनके लिखने का माध्यम बना।
जिस लेखिका के बारे में हम बात कर रहे हैं वह लेखिका हैंं प्रीती चौधरी, जो अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश ) की रहने वाली हैं। जब वह 12वी कक्षा की छात्रा थी तभी से उन्हें लिखने की प्रेरणा मिली, वह अपने विचारों को एक डायरी में लिख लेती और प्रतिवर्ष स्कूल में होने वाले कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती। प्रीति चौधरी ने ग्रेजुएशन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से किया, ग्रेजुएशन के साथ ही वह NCC की क्रेडिट रहींं और 2005 गणतंत्र दिवस राजपथ परेड में 3 यूपी गर्ल्स बटालियन की एकमात्र गर्ल्स कैडेट के रूप में अपनी भूमिका दर्ज कराई ।
प्रीती चौधरी को राजपथ परेड से लौटने के बाद राजस्थान के तत्कालीन राज्यपाल बलराम जाखड़ द्वारा सम्मान प्राप्त हुआ तथा 3 यूपी गर्ल्स बटालियन की बेस्ट क्रेडिट के सम्मान से भी नवाजा गया। प्रतिवर्ष कॉलेज में प्रकाशित होने वाली मैग्जीन में प्रीती चौधरी के कई लेख प्रकाशित हुए। उन्होंने NCC के अनुभवों को कॉलेज मैगजीन के द्वारा सभी के सामने रखा। लगातार उपलब्धियां हासिल करने के बीच एक समय ऐसा भी आया जब सड़क दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु हो गई और दुखों का पहाड़ उनके परिवार पर टूट पड़ा परंतु अपनी माता जी के साहस और सहयोग से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन और बीएड की डिग्री प्राप्त की। कड़ी मेहनत और लगन से प्रीति चौधरी का सलेक्शन उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक के पद पर हुआ परंतु वह इस से संतुष्ट नहीं थी। उप निरीक्षक पद संभालने के बाद भी प्रीति चौधरी चाहती हैं कि वह अपने विचारों व अभिव्यक्ति से पूरी दुनिया को अवगत करायें। वह एक स्वछंद लेखिका के रुप में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। आज वह कई वेबसाइट्स के लिए लेख लिख रहीं हैं और धीरे-धीरे शोषित वर्ग की आवाज बनकर दुनिया के सामने आ रही हैंं साथ ही वह अपने लेखन से लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही हैं।