अक्षी त्रिवेदी – छद्म रचनाएँ
लंबा सफ़र तय किया है जो,आज उसे अंजाम देना है,कई आशाएँ जुड़ी है हमसे,बस अब विराम देना है।अक्षी!-->…
लंबा सफ़र तय किया है जो,आज उसे अंजाम देना है,कई आशाएँ जुड़ी है हमसे,बस अब विराम देना है।अक्षी!-->…
नूर का लुत्फ़ उठा रहा राही,कहीं उसका आदी न हो जाए,चंचल किरने कर रही सामना,कहीं वक़्त से मुलाक़ात न!-->…
रवि शब्दों से रचा हुआ खेल कभी,कहाँ किसिको समझ में आया हैं,दूर से सब देख रहा वो,पर कभी क्या समझाने!-->!-->!-->…
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