उत्तर: प्रश्न उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा।
चौपाई : मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथराजू
अर्थ: संतों का समाज आनंद और कल्याणमय है, जो जगत में चलता-फिरता तीर्थराज (प्रयाग) है।
राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई बालकाण्ड में संत-समाजरूपी तीर्थ के वर्णन में है।