उत्तर: प्रश्न बहुत उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा।
चौपाई : सुफल मनोरथ होहूँ तुम्हारे। रामु लखनु सुनि भए सुखारे॥
अर्थ: फूल पाकर मुनि ने पूजा की। फिर दोनों भाइयों को आशीर्वाद दिया कि तुम्हारे मनोरथ सफल हों। यह सुनकर श्री राम-लक्ष्मण सुखी हुए
राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई बालकाण्ड में पुष्पवाटिका से पुष्प लाने पर विश्वामित्र जी का आशीर्वाद है।