कभी हास्य बद बनती है जिंदगीकभी शोक ग्रस्त बनती है जिंदगीकभी खेल खेलती है जिंदगीचलते सफर में कुछ याद आयाकभी सोचता हू यू हिसाब मत लेप्यारी मद होश जिंदगी।।
मन में उमंगतन में तरंगखिल उठे रंगभर भर उमंगआया वसंत !आया वसंत !!
सृष्टि मचलखिले पुष्प दलकरवट बदलभर भर उमंगआया वसंत !आया वसंत !!
नई राह चुनकोई साध धुनसंधान करभर भर उमंगआया वसंत !आया वसंत !!
बँधनो को तोड़ केउलझनों को छोड़ केआरम्भ!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
कन्यादान में दान के मायने
मूर्खता का शिक्षा के साथ कोई संबंध नहीं है। कोई बहुत शिक्षित होकर भी मूर्ख हो सकता है। स्वयं को प्रगतिशील और आधुनिक दिखाने की होड़ में भी कुछ लोग मूर्खताएँ करते हैं। एक IAS अधिकारी हैं, जिनकी मीडिया में बड़ी!-->!-->!-->…
हमारी वो मासूम मां,
जिनके पास ऐसी मासूम मां हैं जिनका ……
न कोई सोशल मीडिया पर अकाउंट हैं,
न फोटो ,
सेल्फी का कोई शौक है,
उन्हें ये भी नहीं पता की स्मार्टफोन का लॉक कैसे खुलता है,
जिनको ना अपनी जन्मतिथि का पता है,
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रोजगार की चाहत
खाली कंधो पर थोड़ा सा भार चाहिए।बेरोजगार हूँ साहब रोजगार चाहिए।जेब में पैसे नहीं डिग्री लिए फिरता हूँ।दिनोंदिन अपनी नजरों में गिरता हूँ।कामयाबी के घर में खुलें किवाड़ चाहिए।बेरोजगार हूँ साहब मुझे रोजगार चाहिए।प्रतिभा की!-->!-->!-->…
कभी साथ बैठो तो पता चले की क्या हालात है मेरेअब तुम दूर से पूछोगे तो सब बढ़िया हालात है मेरेमुझे घमंड था की चाहने वाले दुनिया में बहुत है मेरेजब बात का पता चला तो उतरगये नखरें तेवर सब मेरे।। मनोज कुमार, नोहर (हनुमानगढ़)
होठों पर!-->!-->!-->…
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