कविता

जिंदगी

कभी हास्य बद बनती है जिंदगी
कभी शोक ग्रस्त बनती है जिंदगी
कभी खेल खेलती है जिंदगी
चलते सफर में कुछ याद आया
कभी सोचता हू यू हिसाब मत ले
प्यारी मद होश जिंदगी।।

मैं मनोज कुमार /गौरीशंकर शर्मा श्योरानी नोहर हनुमानगढ़ | जन्म दिनांक १५ फ़रवरी १९९४ |

Related Posts

error: Content is protected !!