कविता

आया वसंत

मन में उमंग
तन में तरंग
खिल उठे रंग
भर भर उमंग
आया वसंत !
आया वसंत !!

सृष्टि मचल
खिले पुष्प दल
करवट बदल
भर भर उमंग
आया वसंत !
आया वसंत !!

नई राह चुन
कोई साध धुन
संधान कर
भर भर उमंग
आया वसंत !
आया वसंत !!

बँधनो को तोड़ के
उलझनों को छोड़ के
आरम्भ कर
नई ले उमंग
आया वसंत !
आया वसंत !!

मैं मनोज कुमार /गौरीशंकर शर्मा श्योरानी नोहर हनुमानगढ़ | जन्म दिनांक १५ फ़रवरी १९९४ |

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