कविता

मां तेरी याद आई

मां तेरी याद आई

मां तुम खुशी का सागर,
प्रेम की मूरत हो।

दया प्रेम निस्वार्थ भावना,
तेरे आंचल में समाया ।

सिर पर सदा बना रहे,
तेरे प्रेम का हाथ।

तेरी आवाज सुन ,
मन में प्रसन्नता होते हैं।

तेरे मेरे मन के तार ऐसे जुड़े,
कि मैं याद करूं तो तुम हाजिर होती हो।

कैसे सुनती हो मेरे मन की बात,
स्वप्न में भी देखो तो होती हो परेशान।

तुम अपना प्रेम बनाए रखना,
सदा तेरी याद आती रहे।

मेरा जन्म कन्नौज के एक छोटे से कस्बा उमर्दा में हुआ है मेरी प्रारंभिक शिक्षा इंटरमीडिएट जीआईसी इंटर कॉलेज उमर्दा ग्रेजुएशन पोस्ट ग्रेजुएट और b.ed कानपुर यूनिवर्सिटी से किया है हिंदी साहित्य में बहुत ही रुचि है कविताएं लिखना, कहानियां,भजन लिखना मुझे अच्छा…

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