अक्षी त्रिवेदी – छद्म रचनाएँ
लंबा सफ़र तय किया है जो,आज उसे अंजाम देना है,कई आशाएँ जुड़ी है हमसे,बस अब विराम देना है।अक्षी!-->…
लंबा सफ़र तय किया है जो,आज उसे अंजाम देना है,कई आशाएँ जुड़ी है हमसे,बस अब विराम देना है।अक्षी!-->…
नूर का लुत्फ़ उठा रहा राही,कहीं उसका आदी न हो जाए,चंचल किरने कर रही सामना,कहीं वक़्त से मुलाक़ात न!-->…
रवि शब्दों से रचा हुआ खेल कभी,कहाँ किसिको समझ में आया हैं,दूर से सब देख रहा वो,पर कभी क्या समझाने!-->!-->!-->…
अंतर्द्वंद चल रहा है,अंधाधुंध चल रहा है,मैंने सोचा तन्हा है,ये तो झुंड चल रहा है l अभिनव!-->!-->!-->…
नज़र उठाकर देखा जिसे,वो हुस्न वाले बङे महफ़ूज़ निकले |क्या सुनें उनकी अदाओं की!-->!-->…
लगी है दिल की तुमसे ,मैं तुम्हे ये बात कैसे बताऊं |कभी याद,कभी ख्वाब सब आते हैं पर!-->!-->…
दारू पर टिकी अर्थव्यवस्था जिसके घर आना शुरू हुई ,उस घर की खुशियां चली गई। दारू वाले!-->!-->!-->!-->!-->…
तेरी आँखो की मदहोशियां,जु़ल्फों के तराने, मुझे पल भर रोने नहीं देते हैं |दिन तो!-->!-->…
मेरी प्यारी बेटीनन्हे -नन्हे पग रखकर,जब चलती गुड़िया प्यारी।मुस्कान तेरी ऐसी,कि मैं!-->…
कर्म प्रथम कर्मा जो हमारे हाथों बुद्धि मन वचन से किया जाए । चाहे वह शब्द माध्यम हो या!-->!-->!-->…
ज्ञान का प्रकाश मिट जाए सारा अंधकार,दीपक तुम यदि बन जाओ । शिक्षा का प्रकाश फैलाव,मिट!-->!-->!-->!-->!-->…
मां तेरी याद आई मां तुम खुशी का सागर,प्रेम की मूरत हो। दया प्रेम निस्वार्थ भावना,तेरे!-->!-->!-->!-->!-->…
सगी नहीं परायी ही सही ,काश कोई मेरी भी बहन होती !! हर बात पर चिढ़ती, हर बात पर मुझे!-->!-->!-->…
रात भर जागकर तेरे एक कॉल का इंतज़ार करते हैं |सारा दिन बैठ कर तुझे देखने को भी बेकरार!-->!-->…
मेरा गाँव मुझ में बसता है मेरा गाँव मुझे में बसता है आज के जमाने में गाँव जाने को मना!-->!-->!-->…
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