मेरी गुड़िया की एक कहानी
मेरी गुड़िया की एक कहानी मेरी गुड़िया की एक कहानीसुन दोस्त मेरी तुमको बतलानीस्कूल को जब मैं जाती!-->!-->!-->…
मेरी गुड़िया की एक कहानी मेरी गुड़िया की एक कहानीसुन दोस्त मेरी तुमको बतलानीस्कूल को जब मैं जाती!-->!-->!-->…
बिन पूछे सदा जो उड़ता ही चलेएक पल को भी कभी जो ना ढलेहै अटल ये टाले से भी ना टलेना जाने थामे कोई!-->…
कर श्रम घर का बोझ उठाते हैं जब रोज कमाते तब खाते बेबस लाचारी में ही जीवन गवांते ना खुद पढ़े!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
जिद है अगर तो जीतोगे उठ तैयार हो फिर हर बार, जितनी बार भी तुम गिरोगे, जिद है अगर तो!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
है ये बड़ी संयम की घड़ी है ये बड़ी संयम की घड़ी,, आओ तोड़ें संक्रमण की कड़ी, रहें कुछ दिन घर!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
किसी में गर दिखे कमी,तो उसको समझाइए,यदि सब में दिखे कमी,तो ख़ुद पर तरस खाइए । अभिनव!-->!-->!-->…
कैसे तारीफ करूं तेरी इन आँखो कीमोहब्बत-ए-नशा तो दिल ने देखा है अज़य महिया रात जरा-सी!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
जब से तुमने रात में जागना शुरू कियातेरी कसम ! चांद भी तेरा दिदार करने लगा है || अज़य!-->!-->!-->…
ये हाड़-मांस की कैसी भूख ये हाड़-मांस की कैसी भूख !मृग-तृष्णा ये, दूर का सुख,मत कर इसका!-->!-->!-->…
दिल पहली बार था धड़कामैं देख के उसको भड़कादेखा था उसको शादी मेंवो लगे नहाई चांदी में !-->!-->!-->…
तेरी ज़िन्दगी का हर मोङ सुकुन से भरा होगा |मै नहीं तो कोई और तो तुझ पर मरा होगा | अज़य!-->!-->!-->…
मनोरोगी,मैं हूं ढोंगी,और हूं वाहियात,मैं केवल भोगी । अभिनव कुमार सारी कमियां मेरे!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
नज़र उठाकर देखा जिसे,वो हुस्न वाले बङे महफ़ूज़ निकले |क्या सुनें उनकी अदाओं की!-->!-->…
लगी है दिल की तुमसे ,मैं तुम्हे ये बात कैसे बताऊं |कभी याद,कभी ख्वाब सब आते हैं पर!-->!-->…
दारू पर टिकी अर्थव्यवस्था जिसके घर आना शुरू हुई ,उस घर की खुशियां चली गई। दारू वाले!-->!-->!-->!-->!-->…
तेरी आँखो की मदहोशियां,जु़ल्फों के तराने, मुझे पल भर रोने नहीं देते हैं |दिन तो!-->!-->…
मेरी प्यारी बेटीनन्हे -नन्हे पग रखकर,जब चलती गुड़िया प्यारी।मुस्कान तेरी ऐसी,कि मैं!-->…
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