वक़्त बदल रहा है।
वक़्त बदल रहा है। ऐसा लगता है जैसे वक़्त बदल रहा है। कई लोग हमसे बेवज़ह, दूर होते नज़र आ रहे हैं।हम!-->!-->!-->!-->!-->…
वक़्त बदल रहा है। ऐसा लगता है जैसे वक़्त बदल रहा है। कई लोग हमसे बेवज़ह, दूर होते नज़र आ रहे हैं।हम!-->!-->!-->!-->!-->…
ज़िन्दगी तू ही बता तुझ पर, कैसे एतबार करूँ।कोई तो वजह हो ऐसी, कि तुझसे प्यार करूँ। हर ख़्वाब, हर!-->!-->!-->…
गांधी के सपनों का ,उड़ता नित्य उपहास है वही पालकी देश कीजनता वही कहार हैलोकतन्त्र के नाम परबदले!-->!-->!-->…
|| नारी तू भव की आधारशिला || शोभा कि नदी, सगुणों से सजी प्रेम-करुण की तू सीमा, स्तुति तेरी!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
समय का पहिया मानो तो मोती ,अनमोल है समय नहीं तो मिट्टी के मोल है समय कभी पाषाण सी कठोरता सा!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
अब तो …..रिश्तों में मिलावट है,मुस्कान बस बनावट है,आहट की ना चाहत है,ख़ुद से ही बग़ावत है । ना जाने!-->!-->!-->…
प्रेम बहे झरने सा तेरा || तन में सिहरन, सांसों में गतिमन भी व्याकुल, नव-जन्में सा,ऐसा अदभुत प्रेम!-->!-->!-->…
दोस्ती वो निभा न सकेआग दिल की बुझा न सकेमेरे जज्बातों से खेलकर भीवो जश्न कोई मना न सके || कभी!-->!-->!-->…
यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान हैयह दुनिया में रखता ,अजब शान हैयह राष्ट्र का ईमान है ,गर्व और सम्मान!-->…
हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार हैहौसला विहान में बाल रवि का भास हैनाउम्मीदी में है हौसला खिलती!-->…
ख़ुद को दिया धोखा … इस गणतंत्र दिवस,किसान वाकई बेबस ?लिया देश को डस,रहा विश्व है हँस ! शर्मसार!-->!-->!-->!-->!-->…
खुदा करे के तु रूठे ओर मनाऊं मैइसी दिन के लिए,तुझे सताऊं मै । कैसा ये अफ़स़ाना,कैसी मोहब्बत है!-->!-->!-->…
कविता : मोहब्बत नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
कविता : यह कैसा धुआँ है लरजती लौ चरागों की यही संदेश देती है अर्पण चाहत बन जाये तो मन!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
कविता : जिस प्यार पे हमको बड़ा नाज था … जिस प्यार पे हमको बड़ा नाज था क्या पता था वो अन्दर से!-->!-->!-->!-->!-->…
26 नवम्बर की स्याह रात .. (शहीदों को श्रद्धांजलि, दिल से अर्पित पुष्पांजलि,जिन्होने दी जान, कि!-->!-->!-->…
रीझ-रीझ कर खीझ रहा हूँ , जब से जग में होश संँभाला । प्रेम पुरातन याद नहीं अब, जब से!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
परमवीर चक्र …वीरों का पर्व … परमवीर चक्र,जब होता ज़िक्र,सिर शान से ऊंचा,होता है फ़ख्र । !-->!-->!-->…
वो कहने लगे हम सुनने लगेकिसको पता था वो इतना कह देंगेअरे! हम तो तन्हाइयों की गली मे बैठे थेकिसको!-->…
सरदार पटेल की जीवनी को रचना में पिरोने का प्रयास :- सरदार पटेल,जैसे दिये में तेल,वे तेज़!-->!-->!-->…
Welcome, Login to your account.
Welcome, Create your new account
A password will be e-mailed to you.