कविता

सम्मान तिरंगा

यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है
यह दुनिया में रखता ,अजब शान है
यह राष्ट्र का ईमान है ,गर्व और सम्मान है
स्वतन्त्रता और अस्मिता की ,यह एक पहचान है
क्रान्तिकारियों की गर्जन हुंकार है
विभिन्नता में एकता की मिसाल है
एकता सम्प्रभुता का कराता ज्ञान है
धर्म है निरपेक्ष इसका ,जाति एक समान है
यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है
यह दुनिया में रखता ,अजब शान है ||


भेदभाव की तोड़ दीवारें
यह सबको गले लगाता है
राष्ट्र पर्व की पावन बेला में
यह देश प्रेम जगाता है
जल थल नभ में गौरवता से
इसने अपना रंग जमाया है
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
वीरों की गाथा को सुनाया है
यह तिरंगा तो ,सरहद का निगेह बान है
नयनों की थकानों का अभिराम है

यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है
यह दुनिया में रखता ,अजब शान है ||


‘प्रभात ‘ अर्जुन के धनुष की टंकार है तिरंगा
मुरलीधर की मुरली की पुकार है तिरंगा
बंकिम की स्वर लहरी का राग है तिरंगा
“आनन्द मठ ” के पृष्ठों की आग है तिरंगा
प्रगति विकास का प्रतीक ,उच्च निशान है तिरंगा
सीमा पर लड़ने वालों का ,आत्म सम्मान है तिरंगा
ऐ तिरंगे तेरी खातिर ,वीरों ने गोली खाई है
अनगिनत शीष चढ़ाये ,तब आजादी पायी है
यह तिरंगा तो , मेरे देश की माटी की मुस्कान है
यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है
यह दुनिया में रखता ,अजब शान है ||

नाम : प्रभात पाण्डेय पता : कानपुर ,उत्तर प्रदेश व्यवसाय : विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर साइंस व लेखक मेरी रचनाएं समय समय पर विभिन्न समाचार पत्रों (अमर उजाला ,दैनिक जागरण व नव भारत टाइम्स ) व पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं।

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