कविता

सुंदरता दिल से होती है

सुंदरता दिल से होती है
दिल सुंदर तो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड भी
सुंदर दिखाई देता है
दिमाग का केंद्र बिंदु
बाहरी सुंदरता पर टिका होता है
वह नापता रहता है
देह की लंबाई,परिधि
उभारों मे
और उलझा रहता है
अपनी गणित के
प्रमेय और कठिन सवालों मे…
नहीं परख पाता वह
भीतरी सुंदरता को..

वंदना जैन मुंबई निवासी एक उभरती हुई लेखिका हैं | जीवन दर्शन,सामाजिक दर्शन और श्रृंगार पर कविताएं लिखना इन्हे बहुत पसंद है | समय-समय पर इनकी कविताएं कई अख़बारों और पत्रिकाओं में छपती  रही हैं | इनका स्वयं का काव्य संकलन "कलम वंदन" भी प्रकाशित हो…

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