विकल्प
अब क्या विकल्प है
स्वयं से संकल्प है
अंधेरों को विराम दूँ
चाॅद को सलाम दूँ
या तारों को लगाम दूँ
जीवन तो अल्प है
आशा ही कल्प है
अब क्या विकल्प है
जो दिखे सत्य है
छुपा हुआ कृत्य है
तन की फैली बाहें हैं
मन की सिकुड़ी राहें हैं
रिश्तों मे भेद है
हर थाली मे छेद है
सत्य से अज्ञान हैं
झूठ को अभिमान है
अब क्या विकल्प है
विकल्प – कविता (वन्दना जैन)
Related Posts
ना तेरा कसूर है…ना मेरा कसूर – बृजेश यादव
ये जो मदहोशी सी छायी है, तेरे हुस्न का सब कसूर है। ये जो खोया खोया सा मैं रहता…
इरफ़ान ख़ान, हर दिल की जान
इरफ़ान ख़ान, हर दिल की जान इरफ़ान ख़ान,हर दिल की जान,एक अलग पहचान,एक अलग पहचान । ४…
भगत, राज, सुखदेव … जिस्म अलग, रूह मगर एक
भगत, राज, सुखदेव … जिस्म अलग, रूह मगर एक .. तेईस मार्च,को गिरी थी गाज,था भगत को…
राम राज्य – कविता अभिनव कुमार
राम राज्य,बजें ढोल नगाड़े,दुर्जन हैँ हारे,हैं राम सहारे । नस नस में राम,बसे हर कण…
दीदार ए इश्क
दिल पहली बार था धड़कामैं देख के उसको भड़कादेखा था उसको शादी मेंवो लगे नहाई चांदी…
युवा का अब आगाज हो
युवा का अब आगाज हो युवा का अब आगाज हो,एक नया अन्दाज़ हो,सिंह की आवाज हो,हर युवा…
दौर जाएगा बीत…
दौर जाएगा बीत… सिर्फ़ इक्कीस दिन,दे ये पलछिन । देदे ये मुझको,मेरे दर्द को समझो ।…
!! तू कहे !!
!! तू कहे !! तू कहे तो तेरे पल्लू का आंचल चुरा लू ,तू कहे तो तेरे नयनो काजल चुरा…
रफ़ाल – बेमिसाल
रफ़ाल - बेमिसाल रफ़ाल,तूफानी चाल,दुश्मन बेहाल,जी का जंजाल । करे तेज़ प्रहार,माने…
26 नवम्बर की स्याह रात ..
26 नवम्बर की स्याह रात .. (शहीदों को श्रद्धांजलि, दिल से अर्पित…
अज़य महिया छद्म रचनाएँ – 14
कितने साल गुज़र गए तेरी गलियों में आते-जाते पता ही नहीं चला, ना तू मिल सकी ना…
इस बार दिवाली ………
इस बार दिवाली ……… इस बार दीवाली कुछ अलग है,कर रही हमें ये सजग है,,दे रही…
हम – कविता
हम चाय के शौकीन हमधुन में अपनी लीन हमजब लगेगी अपनी किस्मतहोंगे तब रंगीन हम छा…
ज़िन्दगी का गीत गुनगुनाते चलो
ज़िन्दगी का गीत गुनगुनाते चलोसफर को हमसफर बनाते चलो ।हर ग़म से भी बे'ग़म…
प्रेम बहे झरने सा तेरा
प्रेम बहे झरने सा तेरा || तन में सिहरन, सांसों में गतिमन भी व्याकुल, नव-जन्में…
बन जाऊं मैं काश …. जैसे योगी कुमार विश्वास
बन जाऊं मैं काश …. जैसे योगी कुमार विश्वास … बन जाऊं मैं काश,जैसे योगी कुमार…
अब सूरज से मिलने जाना है ☀️ – चंद्रयान – अभिनव कुमार
चंद्रयान तीन,नहीं होए यकीन,अद्भभुत उपलब्धि,एक रात और दिन ! फतह लक्ष्य महान,फूंक…
मैं सही या ग़लत ?
मैं सही या ग़लत ? मैं ग़लत, मैं ग़लत,मैं ग़लत, मैं ही ग़लत । कहां करूं बोलो दस्तख़त…
प्रार्थना – आए सद्बुद्धि
प्रार्थना - आए सद्बुद्धि… सन्यासी "साधु",है देश का जादू । संस्कृत…
काश आ जाएं फ़िर भगत सिंह
काश आ जाएं फ़िर भगत सिंह काश आ जाएं फ़िर भगत सिंह,काश दहाड़े वो साहसी सिंह,भारत…