अजय महिया छद्म रचनाएँ – 7
रात भर जागकर तेरे एक कॉल का इंतज़ार करते हैं |सारा दिन बैठ कर तुझे देखने को भी बेकरार रहते हैं!-->!-->…
रात भर जागकर तेरे एक कॉल का इंतज़ार करते हैं |सारा दिन बैठ कर तुझे देखने को भी बेकरार रहते हैं!-->!-->…
बे'वजह ,असमय बोलने मे तेरा फायदा ही क्या है, अपनी कमजोरियों को दिखाने से फायदा ही क्या है ।।!-->…
जीवन में कुछ करें ऐसे काम,चाहे ना हो अपना नाम,जिनसे हो गुलशन आवाम,देखे अल्लाह, और बस राम l अभिनव!-->!-->!-->…
ख़ुद को खुदा, तुझको जुदा है माना मैंने,सच कहूँ - ख़ुद को बिल्कुल भी ना जाना मैंने !एक अरसे बाद आज!-->…
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