कविता

अजय महिया छद्म रचनाएँ – 8

तेरी आँखो की मदहोशियां,जु़ल्फों के तराने, मुझे पल भर रोने नहीं देते हैं |
दिन तो जैसे-तैसे गुज़र जाता है,कमबख़्त रातें भी हमें सोने नहीं देती हैं ||

अज़य महिया

मै मूर्खों की बस्ती मे रहने आ गया हूँ ,अब मेरे सामने चुनौतियाँ बढ़ गई है |

अजय महिया

नज़रें झुकाना,शरमा कर पास से निकलना,ये सब क्या है |
तुम्हे पता है तुम धङकन हो हमारी,फिर ये नाटक क्या है ||

अजय महिया

हमें जिनसे मोहब्बत हैं,वो अपनी रजाई लेकर आराम से सोए हैं |
एक रात जगकर वो भी देखते, हम उनके लिए कितना रोए हैं ||

अजय महिया

जा,छोड़ दिया हमने तेरी बेवफा गलियों से गुज़रना |
तुम्हे भी कोई ओर मिल जाएगा,हमे भी कोई ओर ||

अजय महिया

मेरी नज़र ने तेरी नज़रों के नज़र से नज़र के नज़ारे बहोत देखे हैं |
क्या कहे तेरी महफिल को,इसमे बेवफाई के नज़ारे बहोत देखे हैं ||

अजय महिया

जब अपनेपन की हमको,कोई तान सुनाई देती है |
मेरे मन-मन्दिर की सरिता,गंगा बनकर बहती है ||

अजय महिया

बच्चा एक पौधा है और अभिभावक है उसका माली |
शिक्षक उपजाऊ तत्व तो विद्यालय करता है रखवाली ||

अजय महिया

जो शिष्य गुरु की उपदेश रूपी भट्टी मे तपते नहीं है,

उनकी सफलता उनसे कोसों दूर भाग जाती है |

अजय महिया

ये उम्र और वक्त बीत जाएंगे यूं ही,जाने तुम कब समझोगे |
मैने आवाज़ की खामोशी को कलम दे दी,तुम कब पढोगे ||

अजय महिया

ये जो मेरी नजरों के सामने से रोज गुजरती है |
पता नहीं हम उनकी नजरों में है या नहीं है ||

अजय महिया

बस एक बार सुनो तुम, हमारी धडकन की आहट को |

देखना, तुम भी करवटें बदलोगे पर नींद नहीं आएगी ||

अजय महिया

ऐ-ज़िन्दगी यूं सामने आकर मुस्कराया ना करो |
कहीं तुम्हे सुखी देखकर मै सीने से ना लगा लूं ||

अजय महिया

कितने राज दफन हैं मेरे सीने में, तेरी ज़िन्दगी के ,कभी मिलुंगा तो बताऊंगा |
यूं तो तुम्हारी गलियों से रोज गुजरता हूं पर कभी अकेला मिलूंगा तो बताऊंगा ||

अजय महिया

आजकल जब भी तेरी गलियों से गुजरता हूं तो ऐसा लगता है जैसे कुछ खो गया है |

अजय महिया

तुम सामने आकर इतना मुस्कराया ना करो |
कहीं हमें तुमसे मोहब्बत हो गई तो कहाँ रखोगे||

अजय महिया
मै लेखक अजय महिया मेरा जन्म 04 फरवरी 1992 को एक छोटे से गॅाव(उदासर बड़ा त नोहर. जिला हनुमानगढ़ राजस्थान) के किसान परिवार मे हुआ है मै अपने माता-पिता का नाम कविता व संगीत के माध्यम करना चाहता हूं मै अपनी अलग पहचान बनाना चाहता हूं

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