दारू पर टिकी अर्थव्यवस्था

दारू पर टिकी अर्थव्यवस्था जिसके घर आना शुरू हुई ,उस घर की खुशियां चली गई। दारू वाले इसको पीकर,रुतबा अपना दिखाते हैं । कभी खुशी के नाम ,कभी गम के नाम एक पैक बढ़ाते। हर दिन नया कोई बहाना बतलाते,इसको पीकर खूब देखो यह कैसे इतराते । इन लोगों पता ही नहीं चला कब क्या […]

अजय कीर्ति छद्म रचनाएँ – 8

तेरी आँखो की मदहोशियां,जु़ल्फों के तराने, मुझे पल भर रोने नहीं देते हैं |दिन तो जैसे-तैसे गुज़र जाता है,कमबख़्त रातें भी हमें सोने नहीं देती हैं || अज़य कीर्ति मै मूर्खों की बस्ती मे रहने आ गया हूँ ,अब मेरे सामने चुनौतियाँ बढ़ गई है | अजय कीर्ति नज़रें झुकाना,शरमा कर पास से निकलना,ये सब […]

मेरी प्यारी बेटी

मेरी प्यारी बेटीनन्हे -नन्हे पग रखकर,जब चलती गुड़िया प्यारी।मुस्कान तेरी ऐसी,कि मैं बलिहारी जाऊं।नन्हे हाथों में,जो कोमल सा एहसास।पापा की परी,मां की दुलारी।मेरी गुड़िया प्यारी।होठों पर बोल तोतले,मुस्कान ये प्यारी सी।इन पर लुटा दूं मैं,दुनिया की सारी खुशियां।

कर्म प्रथम

कर्म प्रथम कर्मा जो हमारे हाथों बुद्धि मन वचन से किया जाए । चाहे वह शब्द माध्यम हो या कर माध्यम हो जीवन चक्र चलता ही रहता । हम सब इसी के आसपास किसी वृत्त की भांति घूमते रहते लगता है कि सब कुछ हासिल कर लेना है । प्राणी पर किसी परिक्रमा की भांति […]

ज्ञान का प्रकाश

ज्ञान का प्रकाश मिट जाए सारा अंधकार,दीपक तुम यदि बन जाओ । शिक्षा का प्रकाश फैलाव,मिट जाए सारा अज्ञान । हर जीवन हो सूरज चंदा ,चमके ऐसे कि सारा ब्रह्मांड । धर्म के नाम मत बांटो,मानवता ही सर्वोपरि धर्म रहे । शिक्षा से ही खिलते जीवन,हर फूल यहां मुस्काए ।

मां तेरी याद आई

मां तेरी याद आई मां तुम खुशी का सागर,प्रेम की मूरत हो। दया प्रेम निस्वार्थ भावना,तेरे आंचल में समाया । सिर पर सदा बना रहे,तेरे प्रेम का हाथ। तेरी आवाज सुन ,मन में प्रसन्नता होते हैं। तेरे मेरे मन के तार ऐसे जुड़े,कि मैं याद करूं तो तुम हाजिर होती हो। कैसे सुनती हो मेरे […]

सगी नहीं परायी ही सही

सगी नहीं परायी ही सही ,काश कोई मेरी भी बहन होती !! हर बात पर चिढ़ती, हर बात पर मुझे चिढ़ाती,हर छोटी बात को बिन बात के बड़ा बनाती !मेरी हर छोटी गलती पर मुझे माँ से बचाती,कभी कभी तो बिन बात के ही डांट खिलाती !!सगी नहीं परायी ही सही ,काश कोई मेरी भी […]

अजय कीर्ति छद्म रचनाएँ – 7

रात भर जागकर तेरे एक कॉल का इंतज़ार करते हैं |सारा दिन बैठ कर तुझे देखने को भी बेकरार रहते हैं ||कहीं हो ना जाए दुनिया को मेरी मोहब्बत की खबर |इसीलिए तेरे नाम को हम फोन के पासवर्ड पर रखते है || अजय कीर्ति वो याद में जगती रही ,हम जगते रहे रात में […]

मेरा गाँव मुझ में बसता है

मेरा गाँव मुझ में बसता है मेरा गाँव मुझे में बसता है आज के जमाने में गाँव जाने को मना कौन करता है। जिसको देखो वो भी शहर की चकाचौंध पर भरता है ।। मेरा गाँव मुझे में बसता है….. मैं रह लूं चाहे शहर की अमरचुबी इमारतों में। छु लू फलक या बैठूं महंगी […]

विषम ज्वर तथा पुराना ज्वर का उपचार

विषम ज्वर तथा पुराना ज्वर का उपचार वैसे तो ज्वर के अनेक कारण देखे गए है | इस आर्टिकल में हम दो प्रकार के ज्वर के बारें में बात करने जा रहे रहे है विषम ज्वर एवं पुराना ज्वर | पहले बात करते है – विषम ज्वर | यह ज्वर सड़ा-गला या बासी भोजन खाने […]

!! तू कहे !!

!! तू कहे !! तू कहे तो तेरे पल्लू का आंचल चुरा लू ,तू कहे तो तेरे नयनो काजल चुरा लू ,तू कहे तो तेरे कानो से बाली चुरा लू ,तू कहे तो तेरे होठों से लाली चुरा लू !! तू कहे तो मैं बारिश रुका दू,तू कहे तो मैं बिजली गिरा दू,मान लो मेरी […]

विरह के दीप – कविता

खुशियों के दीप जलें हैं तुम पर हरिताभा-सी छाई है |विरहिणी की दीवार पर विरहाग्नि-सी लौट आई है ||किससे और क्यों कहें ? इस दिले चमन की दास्तां |हमने तो हर दिन और रात विरह के दीप जलाए हैं ||

दिल का ठिकाना – कविता – शशिधर तिवारी

जिसके लिए था, मुझे काजल कमाना,उसने ही बदल दिया “दिल का ठिकाना” !!! तेरे लिए तो मैं झुका देता सारा जमाना,तू ही तो थी मेरी हर खुशियों का खजाना !!तेरे साथ ही तो था मुझे घर बसाना,आज पड़ रहा है तेरी ही डोली सजाना !!जिसके लिए था, मुझे काजल कमाना,उसने ही बदल दिया “दिल का […]

मैंने देखा – कविता – शुभम शर्मा ‘शंख्यधार’

मैंने देखामैंने देखा पंछी को और तिनके तिनके को लानावो धूप के दामन में भी तिनके से नीड़ बनानादेखी है चमक आंख की और चेहरे का मुस्कानावो छूने से तलवे कोमल बच्चों का खिल खिल जाना। मैंने देखा नमी आंख को और देखी सिकन पुरानीमैंने आंख का पानी देखा जिसमें थी एक कहानीमैंने चलना देखा […]

रावण – छद्म रचनाये – अभिनव कुमार

काश कि कुछ ऐसा हो जाए,रावण को सद्बुद्धि आ जाए,ख़ुद भी जिए, जीने दे दूजा,ज्ञान को सही दिशा चलाए l अभिनव कुमार रावण को जलाने वालों,तुम क्यों रावण बन गए?अब तो ज़िद छोड़दो अपनी,अच्छे अच्छे बदल गए l अभिनव कुमार

चलो कुछ बातें करते हैं

चलो कुछ बातें करते हैं चलो कुछ बातें करते हैं….चलो कुछ बातें करते हैं…. छोटी सी दुनिया, ख्वाब छोटे हमारेछोटे से मीठे से किस्से हमारेछोटी सी मुस्कान धरते हैं…चलो कुछ बातें करते हैं….. छोटा है जीवन पर बड़े इरादेदूरी है ज्यादा पर झूठे न वादेअच्छी सी शुरुआत करते हैं…चलो कुछ बातें करते हैं…. सीधा है […]

चुनावी मौसम

चुनावी मौसम चुनाव का मौसम आयाजन जन पर देखो छायाहोय सूट बूट या फटा पैजामासबका मन हर्षाया चुनाव का मौसम आयाचुनाव का मौसम आया। देखो इलक्शन बाजों नेवोटों का रुख अपनायाहोय रंक या सेठ सेठानीसबको गले लगाया आज है देखो शेरों नेए सी को बंद करायाअब गली गली में उतरेंगेमौसम शिकार का आया शेर यहां […]

मैं भस्म करूँ क्या रावण को

मैं भस्म करूँ क्या रावण को मैं भस्म करूँ क्या रावण को !मुझमें ख़ुद ढेरों रावण हैं,रावण तो फ़िर भी ज्ञानी था,मेरा तो मैला दामन है ! मारना है तो मारूं बुराइयों को,भर लूँ रिश्तों की खाईयों को,तब ही होगी फ़िर असली विजय,जब दग़ा ना दूँ परछाइयों को l लालच की दुकान लगाई है,ईर्ष्या की […]

जबसे उसके होंठों पे देखा एक छोटा-सा तील

जबसे उसके होंठों पे देखा एक छोटा-सा तील,तबसे उसी पल से हो गया हूँ उसके प्यार में इल,तू भी करदे आज अपने प्यार को रिवील,अब से मैं ही भरूंगा तेरे मोबाइल का बिल, जाके कह दो मम्मी और पापा से,जिनसे मिलती नहीं थी नजर मिल गया हैं “दिल” !!! तेरे पापा से डन करादे यह […]

गुरु वंदन

गुरु वंदन … गुरु शिष्य …मनोरम दृश्य … मुबारक हो आपको गुरु दिवस …शिष्यों में गए आप हो बस … आपके तप का मोल नहीं है …गुरु बिन शिष्य का रोल नहीं है … नमन है ऐसे रिश्ते को …गुरु नामक फरिश्ते को … गुरु ही देवे अच्छी सीख …संस्कार बेहद बारीक़ … नींव गुरु […]