अभिनव कुमार – छद्म रचनाएँ – 9
किसी में गर दिखे कमी,तो उसको समझाइए,यदि सब में दिखे कमी,तो ख़ुद पर तरस खाइए । अभिनव कुमार आप!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
किसी में गर दिखे कमी,तो उसको समझाइए,यदि सब में दिखे कमी,तो ख़ुद पर तरस खाइए । अभिनव कुमार आप!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
ये हाड़-मांस की कैसी भूख ये हाड़-मांस की कैसी भूख !मृग-तृष्णा ये, दूर का सुख,मत कर इसका व्यसन तू!-->!-->!-->…
मनोरोगी,मैं हूं ढोंगी,और हूं वाहियात,मैं केवल भोगी । अभिनव कुमार सारी कमियां मेरे नाम,मुझपर ही!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
काश कि कुछ ऐसा हो जाए,रावण को सद्बुद्धि आ जाए,ख़ुद भी जिए, जीने दे दूजा,ज्ञान को सही दिशा चलाए!-->!-->!-->…
मैं भस्म करूँ क्या रावण को मैं भस्म करूँ क्या रावण को !मुझमें ख़ुद ढेरों रावण हैं,रावण तो फ़िर भी!-->!-->!-->…
गुरु वंदन … गुरु शिष्य …मनोरम दृश्य … मुबारक हो आपको गुरु दिवस …शिष्यों में गए आप हो बस … !-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
जीवन में कुछ करें ऐसे काम,चाहे ना हो अपना नाम,जिनसे हो गुलशन आवाम,देखे अल्लाह, और बस राम l अभिनव!-->!-->!-->…
मेरा कीमती उपहार …. हाय ये कैसा भौतिकवादी युग !भोग, लालसा, धन की बस भूख,क्या चाहिए, कुछ पता!-->!-->!-->…
ख़ुद को खुदा, तुझको जुदा है माना मैंने,सच कहूँ - ख़ुद को बिल्कुल भी ना जाना मैंने !एक अरसे बाद आज!-->…
मुझे ज़िन्दगी तुझसे शिकायतें बहुत हैं,तुझे दी मैंने हरपल हिदायतें भी बहुत हैं,आज निकला जब मैं सड़क!-->…
आसान है क्या … आसान है क्या ?सोचो तो सब कुछ !सोचो तो कुछ भी नहीं ! चिंतन पर,सबकुछ ही!-->!-->!-->!-->!-->…
जीव जन्तु,जैसे शिव शंभू,बचाते पर्यावरण,ना किन्तु परन्तु ।अभिनव कुमार दो हाथ जब मिल जाएं,पशु, पेड़!-->!-->!-->…
कलम ✍🏻 छोटी बहुत ये दिखती है, प्रबल मग़र ये लिखती है,बड़ों बड़ों को पार लगादे, इससे!-->!-->!-->…
मैं सही या ग़लत ? मैं ग़लत, मैं ग़लत,मैं ग़लत, मैं ही ग़लत । कहां करूं बोलो दस्तख़त !अब पार हुई है हर!-->!-->!-->!-->!-->…
कान्हा…धरा पर जल्दी आना द्वापर युग,अवतरित युगपुरूष,कान्हा जन्म,माह भाद्रपद ।। ८ देवकी से!-->!-->!-->!-->!-->…
असमंजस - अब बस … तुम भी सही,मैं भी सही,ग़लत बात फ़िर,किसने कही ? दिल की बात,दिल ही में रही,मैं!-->!-->!-->!-->!-->…
फ़र्क देखिए (1) बनाम (2) में ज़मीन आसमान का :- (1) "चलो आज मुस्कुराते हैं" - तालिबानी!-->!-->!-->!-->!-->…
अफ़ग़ानिस्तान तालिबान से कहे … सोचता था मैं पहले कि तुम,मेरे रक्षक, मुझको घेरे हो,आज मग़र अहसास हुआ!-->!-->!-->…
कैसे कह दूं कि तुम नहीं मेरे हो ! … कैसे कह दूं कि तुम नहीं मेरे हो !तुम मेरे नहीं, पर मेरे!-->!-->!-->…
जय हिंद … सैनिक है बैठा सीमा पर,सिर्फ़ तेरी मेरी ख़ातिर,मैं और तू तो हैं घर पर,वो जैसे एक मुसाफ़िर ।!-->!-->!-->…
किसी में गर दिखे कमी,तो उसको समझाइए,यदि सब में दिखे कमी,तो ख़ुद पर तरस खाइए । अभिनव!-->!-->!-->…
कैसे तारीफ करूं तेरी इन आँखो कीमोहब्बत-ए-नशा तो दिल ने देखा है अज़य महिया रात जरा-सी!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
जब से तुमने रात में जागना शुरू कियातेरी कसम ! चांद भी तेरा दिदार करने लगा है || अज़य!-->!-->!-->…
ये हाड़-मांस की कैसी भूख ये हाड़-मांस की कैसी भूख !मृग-तृष्णा ये, दूर का सुख,मत कर इसका!-->!-->!-->…
दिल पहली बार था धड़कामैं देख के उसको भड़कादेखा था उसको शादी मेंवो लगे नहाई चांदी में !-->!-->!-->…
तेरी ज़िन्दगी का हर मोङ सुकुन से भरा होगा |मै नहीं तो कोई और तो तुझ पर मरा होगा | अज़य!-->!-->!-->…
मनोरोगी,मैं हूं ढोंगी,और हूं वाहियात,मैं केवल भोगी । अभिनव कुमार सारी कमियां मेरे!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
नज़र उठाकर देखा जिसे,वो हुस्न वाले बङे महफ़ूज़ निकले |क्या सुनें उनकी अदाओं की!-->!-->…
लगी है दिल की तुमसे ,मैं तुम्हे ये बात कैसे बताऊं |कभी याद,कभी ख्वाब सब आते हैं पर!-->!-->…
दारू पर टिकी अर्थव्यवस्था जिसके घर आना शुरू हुई ,उस घर की खुशियां चली गई। दारू वाले!-->!-->!-->!-->!-->…
तेरी आँखो की मदहोशियां,जु़ल्फों के तराने, मुझे पल भर रोने नहीं देते हैं |दिन तो!-->!-->…
मेरी प्यारी बेटीनन्हे -नन्हे पग रखकर,जब चलती गुड़िया प्यारी।मुस्कान तेरी ऐसी,कि मैं!-->…
Welcome, Login to your account.
Welcome, Create your new account
A password will be e-mailed to you.