अभिनव कुमार – छद्म रचनाएँ – 6
ख़ुद को खुदा, तुझको जुदा है माना मैंने,सच कहूँ - ख़ुद को बिल्कुल भी ना जाना मैंने !एक अरसे बाद आज!-->…
ख़ुद को खुदा, तुझको जुदा है माना मैंने,सच कहूँ - ख़ुद को बिल्कुल भी ना जाना मैंने !एक अरसे बाद आज!-->…
मुझे ज़िन्दगी तुझसे शिकायतें बहुत हैं,तुझे दी मैंने हरपल हिदायतें भी बहुत हैं,आज निकला जब मैं सड़क!-->…
आसान है क्या … आसान है क्या ?सोचो तो सब कुछ !सोचो तो कुछ भी नहीं ! चिंतन पर,सबकुछ ही!-->!-->!-->!-->!-->…
जीव जन्तु,जैसे शिव शंभू,बचाते पर्यावरण,ना किन्तु परन्तु ।अभिनव कुमार दो हाथ जब मिल जाएं,पशु, पेड़!-->!-->!-->…
कलम ✍🏻 छोटी बहुत ये दिखती है, प्रबल मग़र ये लिखती है,बड़ों बड़ों को पार लगादे, इससे!-->!-->!-->…
मैं सही या ग़लत ? मैं ग़लत, मैं ग़लत,मैं ग़लत, मैं ही ग़लत । कहां करूं बोलो दस्तख़त !अब पार हुई है हर!-->!-->!-->!-->!-->…
कान्हा…धरा पर जल्दी आना द्वापर युग,अवतरित युगपुरूष,कान्हा जन्म,माह भाद्रपद ।। ८ देवकी से!-->!-->!-->!-->!-->…
असमंजस - अब बस … तुम भी सही,मैं भी सही,ग़लत बात फ़िर,किसने कही ? दिल की बात,दिल ही में रही,मैं!-->!-->!-->!-->!-->…
फ़र्क देखिए (1) बनाम (2) में ज़मीन आसमान का :- (1) "चलो आज मुस्कुराते हैं" - तालिबानी!-->!-->!-->!-->!-->…
अफ़ग़ानिस्तान तालिबान से कहे … सोचता था मैं पहले कि तुम,मेरे रक्षक, मुझको घेरे हो,आज मग़र अहसास हुआ!-->!-->!-->…
कैसे कह दूं कि तुम नहीं मेरे हो ! … कैसे कह दूं कि तुम नहीं मेरे हो !तुम मेरे नहीं, पर मेरे!-->!-->!-->…
जय हिंद … सैनिक है बैठा सीमा पर,सिर्फ़ तेरी मेरी ख़ातिर,मैं और तू तो हैं घर पर,वो जैसे एक मुसाफ़िर ।!-->!-->!-->…
स्वतंत्रता - वरदान या अभिशाप … गुमसुम नादान,अचंभित हैरान,बांहें फैलाए,खड़ा हर इंसान । आया यकायक!-->!-->!-->!-->!-->…
भारत का शेर … नीरज चोपड़ा,गाँव का छोकरा,किया तिरंगा ऊंचा,हिन्द खुशी से रो पड़ा । जीता!-->!-->!-->!-->!-->…
शॉर्ट-कट का ज़माना है… लम्बा माने पकाना है, वक्त नहीं है व्यर्थ का, काम की बात पे आना है ।
संतुष्टि …अंतर्मन की पुष्टि … लिखते लिखते ऊब गया हूँ,ना जाने क्यूँ यूं डूब गया ?चलते चलते रुक गया!-->!-->!-->…
'काश' बनाम 'आ-काश" काश मेरी कोई बहन ही होती !साथ में हँसती, साथ में रोती । काश मेरा कोई भाई!-->!-->!-->!-->!-->…
रोहित सरदाना,शख़्स जाना माना,कहीं चला गया,पता नहीं कहां ! था बड़ा सटीक,छवि बेहद निर्भीक,देता था!-->!-->!-->…
रूपवान काया, सरस्वती का साया, संस्कारों की छाया, सन्तुलन था समाया ।
बिन मतलब,गर तेरी तलब,मानो मिल गया रब,मिल गया रब । अभिनव कुमार आँखों से बात,कुछ अलग ही बात,तारों!-->!-->!-->…
जब तू आएगी फिर से मेरे दिल-ए-द्वार पर,कसम से दरवाज़े बंद मिलेंगे अज़य महिया !-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
मैं एक हिन्दू हूं पहले मैं किन्तु परंतु था,अब मगर केंद्र बिंदु हूं,गर्व से कहता हूं!-->!-->!-->…
देखो शेर आ गया….. सौगंध अपनी पूरी करने,देखो शेर आ गया ।राम जी को अवध लेके,अपना शेर आ!-->!-->!-->…
अग़र मै और तुम एक हो जाएं, जग की सारी खुशी मुझे मिल जाए | होंगे एक तो लहरें!-->!-->!-->!-->!-->…
उनसे ही रोशन ये दिल है मैं रात रात भर रोता हूं,खुद रोते रोते सोता हूं,कोई पूछने भी ना!-->!-->!-->…
पता नहीं क्या दिक्कत है ?घृणा मुझसे १०० प्रतिशत है ।तभी तो कहते हो,बेइज़्ज़ती उसी की!-->!-->…
क्यों घर यूं ही लौटते हो काकाकुछ दीये हम भी ले लेंगेक्यों खामोश बैठे हो काकाथोड़ा सा!-->…
जो देश की बात करे उसके हम साथ चले जो देश की बात करेउसके हम साथ चलेबनाना है नए भारत कोआओ!-->!-->!-->…
मुझे किताबों ने क्या सीखाया और क्या सीखा रही हैं, मैं ब्यां नहीं कर सकता,यदि जानना चाहते!-->!-->…
शब-ए-घोर अंधियारे में ,आज करूणा-कंठ भरे हैंकठोर हृदय मृदुल हुआ,सब आँखों में नीर झरे हैदशा!-->…
काश आ जाएं फ़िर भगत सिंह काश आ जाएं फ़िर भगत सिंह,काश दहाड़े वो साहसी सिंह,भारत का होवे!-->!-->!-->…
एक ऐसी शक्ति,करे विश्व भक्ति ।एक ऐसा विश्वास,जगाए सदैव आस । एक ऐसा संकल्प,दृढ़ता बस!-->!-->!-->…
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