सगी नहीं परायी ही सही
सगी नहीं परायी ही सही ,काश कोई मेरी भी बहन होती !! हर बात पर चिढ़ती, हर बात पर मुझे चिढ़ाती,हर छोटी!-->!-->!-->…
सगी नहीं परायी ही सही ,काश कोई मेरी भी बहन होती !! हर बात पर चिढ़ती, हर बात पर मुझे चिढ़ाती,हर छोटी!-->!-->!-->…
!! तू कहे !! तू कहे तो तेरे पल्लू का आंचल चुरा लू ,तू कहे तो तेरे नयनो काजल चुरा लू ,तू कहे तो!-->!-->!-->…
जिसके लिए था, मुझे काजल कमाना,उसने ही बदल दिया "दिल का ठिकाना" !!! !-->…
जबसे उसके होंठों पे देखा एक छोटा-सा तील,तबसे उसी पल से हो गया हूँ उसके प्यार में इल,तू भी करदे आज!-->…
मैं तेरा ही हूँ मगर,तेरा हो सकता नहीं !! हाथ मेहंदी का था, जब मेरे हाथ में,नजर झुकी थी मगर, कोई!-->!-->!-->…
तेरे शहर में आने का दिल करता है बार बार...मैं ढूँढता हूँ बार बार, तुझे देखने के बहाने हजार, अब!-->!-->!-->…
काश तू कभी मिली ना होती तो अच्छा होता दोस्तों के बहकावे मे ना आया होता तो अच्छा होता!! तुमने!-->!-->!-->!-->!-->…
रोज रोज मिलना जरूरी है क्या ?? ये जो तुम रोज रोज नए कपड़े पहन कर आती हो,हर बार मुझे ही तारीफ करना!-->!-->!-->…
।। मैं तेरा कभी होना सकूंगा ।।।। तू मेरी कभी होना सकेगी ।। तुम्हारी मुस्कुराहट है कोई और , !-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
।।। काश तू मेरी होती ।।।तेरे ख्वाब मेरे होते, और मेरे ख्वाब में तू होती । तेरे चेहरे की चमक!-->!-->!-->!-->!-->…
।। समझ बैठे ।। तेरी सारी ख्वाहिशों को , हम हमारी रहमत समझ बैठे। तेरी होंठो की मुसकुराहट को , !-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
किसी में गर दिखे कमी,तो उसको समझाइए,यदि सब में दिखे कमी,तो ख़ुद पर तरस खाइए । अभिनव!-->!-->!-->…
कैसे तारीफ करूं तेरी इन आँखो कीमोहब्बत-ए-नशा तो दिल ने देखा है अज़य महिया रात जरा-सी!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
जब से तुमने रात में जागना शुरू कियातेरी कसम ! चांद भी तेरा दिदार करने लगा है || अज़य!-->!-->!-->…
ये हाड़-मांस की कैसी भूख ये हाड़-मांस की कैसी भूख !मृग-तृष्णा ये, दूर का सुख,मत कर इसका!-->!-->!-->…
दिल पहली बार था धड़कामैं देख के उसको भड़कादेखा था उसको शादी मेंवो लगे नहाई चांदी में !-->!-->!-->…
तेरी ज़िन्दगी का हर मोङ सुकुन से भरा होगा |मै नहीं तो कोई और तो तुझ पर मरा होगा | अज़य!-->!-->!-->…
मनोरोगी,मैं हूं ढोंगी,और हूं वाहियात,मैं केवल भोगी । अभिनव कुमार सारी कमियां मेरे!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
नज़र उठाकर देखा जिसे,वो हुस्न वाले बङे महफ़ूज़ निकले |क्या सुनें उनकी अदाओं की!-->!-->…
लगी है दिल की तुमसे ,मैं तुम्हे ये बात कैसे बताऊं |कभी याद,कभी ख्वाब सब आते हैं पर!-->!-->…
दारू पर टिकी अर्थव्यवस्था जिसके घर आना शुरू हुई ,उस घर की खुशियां चली गई। दारू वाले!-->!-->!-->!-->!-->…
तेरी आँखो की मदहोशियां,जु़ल्फों के तराने, मुझे पल भर रोने नहीं देते हैं |दिन तो!-->!-->…
मेरी प्यारी बेटीनन्हे -नन्हे पग रखकर,जब चलती गुड़िया प्यारी।मुस्कान तेरी ऐसी,कि मैं!-->…
Welcome, Login to your account.
Welcome, Create your new account
A password will be e-mailed to you.