कविता

तेरे शहर में आने का दिल करता है बार बार

तेरे शहर में आने का दिल करता है बार बार…
मैं ढूँढता हूँ बार बार, तुझे देखने के बहाने हजार, 

अब तो तुझसे मिलने को, ये निगाहे हैं बेक़रार,

तेरे बिना जिंदगी की हर तमन्ना है अधूरी, 

अब तुझसे मिलकर मिटानी है ये दूरी…
तेरे शहर में आने का दिल करता है बार बार…
चाहता हूँ तुम्हे कितना बताना है मेरी जान, 

अब बस कर तू लेना मेरे प्यार का इम्तिहान,

तेरे पापा की हर परीक्षा मे सफल होजाऊंगा, 

वो ढूंढ रहे हैं दामाद, बेटा बन कर दिखाऊंगा!
तेरे शहर में आने का दिल करता है बार बार…

शशिधर तिवारी "राजकुमार" एक सिविल इंजीनियर विद्यार्थी हैं जो मुंबई से पढ़ रहे हैं .वे इस नए दौर के कवि हैं जो समाज चल रहे अभी के माहौल और कॉलेज की गतविधियों पर कविता लिखना पसंद करते हैं. प्यार, मोहब्बत, दोस्ती ऐसे सभी मुद्दे पर अक्शर कविता लिखना…

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