कविताधर्म

दीपावली के सही मायने…

दीपावली के सही मायने…

दीपों का त्योहार,
सजा हर घर द्वार,
सत्य की असत्य पर,
हुई जीत आखिरकार ।

हुआ तम का अंत,
आए अवध में संत,
हुई नई शुरुआत,
ख़त्म लंबा द्वंद ।

चारों तरफ़ प्रकाश,
हर दिल में आस,
झूम उठी धरती,
भाव विभोर आकाश ।

सीख देती है रामायण,
हो तप और समर्पण,
कर्तव्य सबसे पहले,
ख़ुद से पहले सब जन ।

राम को ना केवल मानें,
अपितु राम की भी मानें,
स्वार्थ को हम भगाकर,
परमार्थ को शीर्ष जानें ।

अभिनव कुमार एक साधारण छवि वाले व्यक्ति हैं । वे विधायी कानून में स्नातक हैं और कंपनी सचिव हैं । अपने व्यस्त जीवन में से कुछ समय निकालकर उन्हें कविताएं लिखने का शौक है या यूं कहें कि जुनून सा है ! सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वे इससे तनाव मुक्त महसूस करते…

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