ये १०० प्रतिशत,
है बात सच,
कि ज़िंदगी किसी की आसान नहीं ।
मुश्किलें सभी पर आती हैं,
कहीं ज़्यादा, तो कहीं कम आती हैं ।
कई manage कर जाते हैं,
कई बिफर जाते हैं ।
माना नज़रिए पर सब निर्भर है,
मगर स्वभाव का भी तो असर है ।
नींव अगर कुछ कच्ची है,
फ़िर हार क्या सचमुच पक्की है ?
बताओ कैसे फिर पार पाएं ?
कैसे हर और संतुलन बनाएं ?
कैसे manage करें situation?
कैसे लाएँ motivation?
कैसे हँसकर पार पाएँ मुश्किलों से ?
कैसे दूर रहें शिकवे गिलों से ?
ये माहौल दिल में सदैव घर कर लेता है,
फ़िर कहीं मस्त होने का मन नहीं करता है ।
माना ईश ध्यान ही सहारा है,
उसमें लगातार मन भी तो नहीं लग पा रहा है ।
कुछ तो बताइए,
कुछ हल सुझाइए ।
आपकी बहुत कृपा होगी,
दुआओं की वर्षा होगी ।
अनुरोध 🙏🏼✍🏼