क्यों जलाते हो मुझे
क्यों जलाते हो मुझे -
‘‘ कमी’ान’’ का रावण,
‘‘ कमी’ान खोरों’’ के हाथों जल गया।
जलते जलते कह गया,
मैंने केवल एक अपराध किया था,
सीता का हरण किया था।
सीता हरण के बहाने राम के हाथों,
गाँधी जयंती
गाँधी के बारे में कहा जाता है कि, गाँधी आज भी प्रासंगिक है। गाँधी एक इंसान नहीं गाँधी एक भावना है,कामना है, मनोकामना हैे। गाँधी चरखे की आत्मा है,गाँधी स्वतत्रता की परिकल्पना है, गाँधी रि’तों कर प्रगाढता है,गाँधी सादगी का प्रतीक है, गाँधी…
लान टेनिस खिलाडियों का विवाद औेर ओलम्पिक
‘‘क्या देश के मान सम्मान से बढ कर है, निजी स्वार्थ ’’
भारतीय खेल इतिहास में यह पहिला अवसर हैे कि, खिलाडियों ने देश के मान सम्मान को ताक पर रख कर अपने आपसी विवाद,दुर्भावना,और व्यक्तिगत अंह को तरहीज दी है और एक दूसरे के साथ खेलने से मना कर…
पेट्रोल की कीमतें और राजनैतिक मंच पर अभिनय
पिछले दिनों पेट्रोल की कीमतों में बेतहा’ाा वृद्धि हुर्ई्र। स्वाभाविक हैे सभी राजनैतिक दलों का जनता के प्रति प्रेम उभर कर आ गया। सभी दल इस वृद्धि को अपने अपने नफा नुकसान के आईने में तोलने लगें। इस पेट्ोल वृद्धि पर सबसे ज्यादा चिल्लपों मचाई…
श्रेष्ठ चरित्र अभिनेता थे, ए.के. हंगल
पिछले दिनों भारतीय सिनेमा ने बहुत कुछ खोया है। पहिले दारासिंह फिर भारतीय सिनेमा जगत के पहिले सुपर स्टार राजेश खन्ना और अब श्रेष्ठतम चरित्र अभिनेता ए.के. हंगल नहीं रहें। उन्हें 25 अगस्त की देर रात्रि को मुम्बई के सान्ताकू्रज के आशा पारिख…
‘‘आचार्य श्री जिनकान्तिसागरसूरि’’ अनुभूति, अभिव्यक्ति
आचारांग सूत्र की एक पंक्ति हैः- पणया वीरा महाविहिं(1@20) अर्थात् वीर पुरु”ा ही महापथ पर गतिमान हो सकते है। त्यागपथ महापथ है, संयम मार्ग महामार्ग है। जो पथ आत्मा को परमात्मा तक पहुॅचा दे, वह महापथ। जो मार्ग आत्मा को अनावृत कर उसके…