कविता

इश्क़ का इज़हार

इश्क़ का इज़हार

बहुत ही आसान है किसी को दिल से प्यार करना।
लेकिन आसान नहीं होता इश्क़ का इज़हार करना।

अब देख लो हम भी तुमसे बातें तो हजार करते हैं।
लेकिन कहने से डरते हैं, कि तुमसे प्यार करते हैं।

अगर ये समाज प्यार करने वालों को ताने न देता।
कोई भी आशिक अपने प्यार को दूर जाने न देता।

लेकिन इश्क़ में भी एक तड़प भी जरूरी होती है।
इश्क़ की कहानी में कोई न कोई मजबूरी होती है।

यही सोचकर हम तुमसे कई बार दूर हो जाते हैं।
कहना चाहते हैं लेकिन बहुत मजबूर हो जाते हैं।

बस हमारी शायरी को ही तुम इज़हार समझना।
कभी देख पाओ आँखों में तो वो प्यार समझना।

मेरा नाम संदीप कुमार है। मेरी उम्र 34 वर्ष है। मैं उत्तराखंड के नैनीताल में रहता हूँ। कुमाऊँ यूनिवर्सिटी से स्नाकोत्तर किया है। वर्तमान में पत्रकारिता कर रहा हूँ। शायरी, कविता, व्यंग, गज़ल व कहानियां लिखने का बहुत शौक है। इसलिए अपनी सरल बोलचाल की भाषा में…

Related Posts

error: Content is protected !!