कविता

दादी कहानी सुनाओ ना !!

दादी कहानी सुनाओ ना !!

दादी मां दादी मां कहानी एक सुनाओ
राजा रानी घोड़ा गाड़ी की बातें बतलाओ
आवाज तुम्हारी है मीठी मन को मेरे भाती है
हर बार नई कहानी दादी आप कहां से लाती हैं?

हल्के से मुस्काके बोलीं दादी प्यार जाता के बोलीं
चिल्लम चुल्ला तुम्हरी सुनकर दादा लेंगे आंखें खोली
दादी ने तब आंख दिखाकर बच्चों को समझाया
दादा ने था एक बार मुझको चुहिया बनाया

दादाजी हैं जादूगर ये खेल बड़े दिखाते हैं
इन्हें परेशान करेगा जो ये उसे सबक सिखाते हैं
अगर कहानी तुमको सुननी दादा से घबराओ
दादाजी जब सो जाएं तब कहानी सुनने आओ

दादी ने ये बात बच्चों को बड़े प्रेम से समझाई
दादा ने तभी करवट ले दादी को टेर लगाई
दादा जागे बच्चे भागे कहानी खत्म हुई इसके आगे।

  • शुभम शर्मा ‘शंख्यधार’
©शुभम शर्मा 'शंख्यधार' शुभम शर्मा का जन्म जिला शाहजहांपुर यू ०प्र० के एक छोटे से कस्बे खुटार में हुआ। ये उन स्वतंत्र लेखकों में से हैं जो सिर्फ अपने मनोरंजन के लिए तथा अपने खाली समय में अपने अंदर झांककर उसका सदुपयोग करने के लिए लेखन करते हैं। आप…

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