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ख़ास
सरदार पटेल की जीवनी
सरदार पटेल की जीवनी को रचना में पिरोने का प्रयास :-
सरदार पटेल,जैसे दिये में तेल,वे तेज़ गुलेल,अंग्रेज़ किए ढेर । 4
थे बहुत ही नेक,सदियों में एक,कुछ अलग चमक,था जुनून सनक । 8
गुजरात में जन्म,बचपन से ही दक्ष,थे सदैव निष्पक्ष,सटीक!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
आज़ादी की आपबीती
आज़ादी की आपबीती
'आज़ादी' अब ७३ की हो गई,अपनों की राह तकते हुए थककर सो गई,माना थोड़ी सी बेचारी बूढ़ी हो गई,अभी तो मिली थी, कहीं फ़िर तो नहीं खो गई ! 4
अपनी किस्मत को कोस रही थी,मन को अपने मसोस रही थी,ख़ुद को ख़ुद में खोज रही थी,दिल पे रक्खे!-->!-->!-->!-->!-->…
देश-भक्ति, राष्ट्रवाद, भारत पर शायरी सुविचार
देश-भक्ति, राष्ट्रवाद, भारत पर शायरी सुविचार
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही !सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही!! अज्ञात- - MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
भारतीय उच्च शिक्षा व्यवस्था को आइना दिखा, चुनौतियों से पार पाने का जरिया बनता कोविड़-19
भारतीय उच्च शिक्षा व्यवस्था को आइना दिखा, चुनौतियों से पार पाने का जरिया बनता कोविड़-19
(डॉक्टर मनमोहन सिंह शिशोदिया, भौतिकी विज्ञान विभाग, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएड)
विपत्तियां अपने साथ उससे भी बड़े अवसर साथ में लाती हैं।!-->!-->!-->!-->!-->…
अब बहुत हुआ – स्वदेशी अपनाओ
अब बहुत हुआ
130 करोड़ भारतीयों तक पहुंचाये.
कोरोना महामारी ने बहुत नुकसान कर दिया मानव जाति का.
CoronaStat.org वेबसाइट के अनुसार से अप्रैल 27 तक दुनिया में 30 लाख से ज्यादा लोगों संक्रमित हो चुके हैं. 2 लाख से अधिक मौतों.
पर ये!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
मैं आपका कश्मीर :-
मैं आपका कश्मीर :-
आज मैं आज़ाद हूं ३७० की बेड़ियों से,आज मैं आज़ाद हूं अलगाववादी भेड़ियों से…
दशकों से ही मैं था आतुर मिलने हिन्द महान से,मात-पिता से बिछड़ा हुआ था बिछड़ा अपनी जान से…
आज ही सही मायनों में मेरी पहली आज़ादी है,आज!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
अब ना सीखे, तो फ़िर कभी ना सीखे…..
अब ना सीखे, तो फ़िर कभी ना सीखे…..
क्या उड़ाएंगे हम किसी का मज़ाक ?हम खुद बन गए हैं अब एक मज़ाक ।
बहुत था ख़ुद पर अभिमान,अहंकार, शेखी, मद से बखान ।
आज सब धरा का धरा,क्रोधित प्रकृति, नम है धरा ।
बहुत करा है तिरस्कार,स्वार्थ,!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
भगवान परशुराम जी की महिमा
भगवान परशुराम जी की महिमा
करें स्वीकार नमन भगवान परशुराम,
त्रेता व द्वापर युग में अवतरित नाम । 2
रामायण, भागवत पुराण,
महाभारत और कल्कि पुराण । 4
इन ग्रन्थों में उनके उल्लेख,
परशुरामजी के रूप अनेक । 6
देवराज इंद्र का था!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
बन देश भक्त
बन देश भक्त …
मत डर बेशक,रह मगर सतर्क ।
घर क्या है पीड़ा ?बाहर बस कीड़ा ।
घर समय गुज़ार,तेरा परिवार ।
ले आ ठहराव,एकांत में नांव ।
गर ना तू माना,सख़्ती जुर्माना ।
ख़ुद भी डूबेगा,साथ ले डूबेगा ।
थोड़ा जा संभल,कुछ तो जा!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
“कर्तव्य परायणता” – आदित्य शर्मा
"कर्तव्य परायणता"
आज सुनाता हूं मैं राजधर्म का आंखों देखा किस्सा,जिसमें कृष्ण, राम नहीं बल्कि मनुष्य का था अहम हिस्सा।वह कोई अष्टभुजा धारी नहीं ,ना ही कोई महान उद्योगी है,वह तो गेरुआ रंग धारी, कहलाता योगी है।।
मुझे कल्पना कर ही!-->!-->!-->!-->!-->…
आपसा देश भक्त ना उत्पन्न अब तक
आपसा देश भक्त ना उत्पन्न अब तक ….
माननीय प्रधान मंत्री,जन सेवक, भले मानस, संतरी ।
आपको कुछ बताना है,मैंने भी अब ठाना है ।
आप उन्हें भाते नहीं,कभी रास उनको आते नहीं,आप मगर अडिग है,कभी भी घबराते नहीं ।
उन्होंने आपको कभी नहीं!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
डॉक्टर, यानी ईश्वर
डॉक्टर,यानी ईश्वर ।
एक देव,साथ सदैव ।
या कहूं ख़ुदा,जो कभी ना जुदा ।
मेरा शुभचिंतक,सेवा करे अनथक ।
भगवान परमात्मा,हर दम मुझे थामता ।
स्वयंभू परमेश्वर,मौला का स्वर ।
अल्लाह नानक,मेरे जीवन का चालक ।
रखे हथेली पे जान,ये!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
ख़तरे में है वसुंधरा!
बचपन से आज तक दादी-नानी की कहानियो में सुनते आए है कि यह धरती हमारी माँ स्वरूपा है। हमें ये संस्कार मिले है कि सुबह उठते ही सबसे पहले इस धरती को वंदन करो। यही हमारे भारतीय संस्कार रहे है। किंतु अफ़सोस है कि हमने आज तक इन बातों पर अमल नहीं!-->…
प्रार्थना – आए सद्बुद्धि
प्रार्थना - आए सद्बुद्धि…
सन्यासी "साधु",है देश का जादू ।
संस्कृत का शब्द,तन में जैसे रक्त ।
तप की मिसाल,संस्कृति की ढाल ।
त्याग का जीवन,सम हरदम है मन ।
सामान्य अर्थ 'सज्जन व्यक्ति',ईश्वर की अनथक भक्ति ।
मूल उद्देश्य!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
लॉक डाउन २.०
लॉक डाउन २.०
चौदह अप्रैल दो हज़ार बीस,माननीय प्रधान मंत्री जी की स्पीच ।
देश के नाम संबोधन,पहुंचा हर जन तक ।
कई बड़ी और अहम बातें,क्या क्या कहा, हम हैं बताते !
उनकी बातों को संजोया,माला में है पिरोया ।
ज़रा कीजिए ध्यान,रचना!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
इसके पहले की हो जाएँ -बैक टू लाइफ़ !
इसके पहले की हो जाएँ -बैक टू लाइफ़ !
साइकल ,जब एक अनजाने घाट पर बिन पैडल मारे सरकने लगती है, तो मेहनत ज़रूर कम हो जाती है , लेकिन एक वैकल्पिक ख़तरे का एहसास , उस आरामदेही सफ़र का मज़ा नहीं लेने देता ।ठीक उसी तरह जब जीवन के सफ़र में!-->!-->!-->…
जिद है अगर तो जीतोगे
जिद है अगर तो जीतोगे
उठ तैयार हो फिर हर बार,
जितनी बार भी तुम गिरोगे,
जिद है अगर तो जीतोगे,
चाहे वक़्त ना हो साथ,
भले छुटे अपनों का हाथ,
हर अंधियारा दूर कर देगा नाथ,
सूखे में भी आंसुओं से जब,
अपने सपनों को तुम!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
युवा का अब आगाज हो
युवा का अब आगाज हो
युवा का अब आगाज हो,एक नया अन्दाज़ हो,सिंह की आवाज हो,हर युवा जांबाज़ हो।
हृदय विशाल जहाज़ हो,निर्भीक समक्ष यमराज हो,उज्ज्वल आभामय पुखराज़ हो,योग्य योद्धा योगीराज हो।
जहाँ उम्र की दराज हो,वहाँ बड़ों का लिहाज़!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
है ये बड़ी संयम की घड़ी
है ये बड़ी संयम की घड़ी
है ये बड़ी संयम की घड़ी,,
आओ तोड़ें संक्रमण की कड़ी,
रहें कुछ दिन घर में ही सभीं,
तभी जितेंगे जिंदगी की लड़ीहै
ये बड़ी विकट घड़ी,
जहां जिंदगी बेबस है पड़ी
है ये बड़ी संयम की घड़ी है!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
मैं तेरा कभी होना सकूंगा – शशिधर तिवारी ‘ राजकुमार ‘
।। मैं तेरा कभी होना सकूंगा ।।।।
तू मेरी कभी होना सकेगी ।।
तुम्हारी मुस्कुराहट है कोई और ,
हमारी चाहत है कोई और ,
तुम्हारे वक्त का साथी है कोई और ,
हमारे जीवन की काठी है कोई और ,
मैं तेरा कभी होना सकूंगा ,
तू मेरी!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…