चुनावी मौसम
चुनाव का मौसम आया
जन जन पर देखो छाया
होय सूट बूट या फटा पैजामा
सबका मन हर्षाया
चुनाव का मौसम आया
चुनाव का मौसम आया।
देखो इलक्शन बाजों ने
वोटों का रुख अपनाया
होय रंक या सेठ सेठानी
सबको गले लगाया
आज है देखो शेरों ने
ए सी को बंद कराया
अब गली गली में उतरेंगे
मौसम शिकार का आया
शेर यहां सवा शेर यहां
सब एक से बढ़ के एक
हम जनता की भीड़ में बैठे
हमसे सब हैं नेक
बाद इलेक्शन के तुम देखो
इनके ठाठ अलग हैं
देखे तुमने अब तक ठग जो
उनसे अलग ये ठग हैं
महीने भर में आईफोन लाये
जो भी जीत इलेक्शन जाये
खड़ी आजतक थी मारुति
अब देखो बरेज़ा ले आये।
इनके बादे ऐसे जैसे
होतीं ओस की बूदें
नजर नहीं रहती हम तुम पर
रहते आंखें मूंदें।
जीत दिलाई जिसने है
उसको ही बाद ये भूलें
जनता हांथ पसार रही
और ये कुर्सी पर झूलें।
©शुभम शर्मा ‘शंख्यधार





































