बहुत कठिन था वो दौर,जिसको आज हम याद करते हैं ।पन्द्रह अगस्त की उस गाथा को,हम यूं ही नहीं गाते!-->…
आदमी कहीं खो गया है आभासी दुनिया में आदमीझुंठलाने लगा है अपनी वास्तविकता को आदमीपरहित को भूलकर!-->…
सुशांत का दुखांत हूं मैं निशब्द,बिल्कुल ही स्तब्ध,जब चला पता,सुन्न, स्थिर, हूं हिला । होए ना!-->!-->!-->!-->!-->…
दौर कुछ यूँ आया पशुओ को कैद कर जो मनुष्यों ने था कब्जा जमाया , अब उसी मनुष्य जाति को नियति ने!-->!-->!-->!-->!-->…
प्रार्थना - आए सद्बुद्धि… सन्यासी "साधु",है देश का जादू । !-->!-->!-->…
पांच का जादू वो २२ मार्च,वो बजे थे पांच । शाम का आगाज़,कुछ अलग और ख़ास । वो पांच मिनट,गए!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
।। समझ बैठे ।। तेरी सारी ख्वाहिशों को , हम हमारी रहमत समझ बैठे। तेरी होंठो की मुसकुराहट को , !-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
Welcome, Login to your account.
Welcome, Create your new account
A password will be e-mailed to you.