मैं एक हिन्दू हूं
पहले मैं किन्तु परंतु था,
अब मगर केंद्र बिंदु हूं,
गर्व से कहता हूं कि,
मैं एक हिन्दू हूं।
आया तब ये बदलाव,
जब आए अयोध्या मेरे राम,
अलग ऊर्जा आई तन मन में,
बदल गए मेरे हाव भाव ।
दशकों का इंतज़ार ख़त्म,
भर गए अब गहरे ज़ख्म,
आए राम लला जब घर पर,
आंखें खुशी से हो रहीं नम ।
ये संघर्ष की लड़ाई थी,
जज़्बातों की गहराई भी,
भिक्षा मांगकर हासिल ना की,
हक से अमानत पाई है ।
लेखन प्रयासरत – अभिनव ✍🏻





































