“माँ”
मैं हूँ हिस्सा तुम्हारा और रहूंगी सदा छाया तुम्हारी
आज दूर हूँ तुमसे पर हर पल मन में है छवि तुम्हारी
अपनी मुस्कानों की तुमने सदा की मुझ पर स्नेह वर्षा
स्वयं को रखा पीछे और आगे रही ढाल तुम्हारी
अपना निवाला छोड़ा मेरे मन को पूरा भरने के लिए,
रात-दिन जागी हो मेरे लिए संग रही प्रार्थना तुम्हारी
अपनी खुशियां कम करके पैसे तुम बचाती थी
अनिच्छा का ढोंग करके देखी थी आँखें विवश तुम्हारी
उदास होती थी जब भी मैं,तुम विचलित हो जाती थीं
पूछती थी सारी मन की बातें और ढांढस बंधाती थीं
हर कठिनाई,हर धूप से तेरे आँचल ने मुझे बचाया था
कष्ट में सहमी,सुख में आँखें याद है कितनी छलकती थी
जब बात न मानने पर तुम कितना डांटा करती थी
चूडियों को खनकाकर क्रोध के साथ चेताती थी
तुम जान लेती थी पसंद-नापसंद को बिन कहे ही
फिर बनाने में मेरे लिए वही पकवान तन्मयता से जुट जाती थी
सुबह जाग कर जल्दी-जल्दी वो तुम्हारा खाने का डब्बा बनाना
जादू का बक्सा लगता था स्वाद जब-जब मैं उसका चखती थी
मन में जीने का हौंसला भर कर जीना तुमने सिखाया था
असत्य के आगे न झुकना सीख याद है अब तक तुम्हारी
प्रेम,ममता,दृढ़ता,साहस,सहनशीलता कितने नाम दूँ
मेरे ह्रदय में शब्द नहीं,ईश्वर से करूँ तुलना तुम्हारी
बनना चाहती हूँ फिर से बच्ची छुप कर तेरे आँचल में
सो जाऊं मीठी नींद फिर से मिल जाए मुझे वही गोद तुम्हारी
माँ – कविता – वंदना जैन
Related Posts
बंदऊँ राम लखन वैदेही
मानस की काव्यसरिता का उद्गमस्थल कवि का वह ह्रदयरुपी मानसरोवर है जिसमें राम का यश…
दुनियादारी – (कविता)
उम्र के महल मे घूमती देह कोझुरियों की नजर लग गईमाथे की सिल्वटेंचिंता के!-->…
अब बहुत हुआ – स्वदेशी अपनाओ
अब बहुत हुआ 130 करोड़ भारतीयों तक पहुंचाये. कोरोना महामारी ने बहुत नुकसान!-->!-->!-->!-->!-->…
इस महिला दिवस , गृहणियों को क्यू नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़ना चाहिए
इस महिला दिवस , गृहणियों को क्यू नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़ना चाहिए!-->…
भगत, राज, सुखदेव … जिस्म अलग, रूह मगर एक
भगत, राज, सुखदेव … जिस्म अलग, रूह मगर एक .. तेईस मार्च,को गिरी थी गाज,था भगत!-->!-->!-->…
स्वतंत्रता सेनानी के रूप में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका
स्वतंत्रता सेनानी के रूप में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका झांसी की रानी लक्ष्मीबाई…
आत्म विश्वास से जीती जा सकती है दुनिया
आत्मविश्वास शब्द की व्युत्पत्ति दो शब्दों से मिलकर हुई है आत्मा और विश्वास।…
भारत छोड़ो आंदोलन ने हिला दी थी अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें
भारत छोड़ो आंदोलन ने हिला दी थी अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें भारत छोड़ो आंदोलन की…
ऑनलाइन शॉपिंग करते समय बरतें सावधानी।
पिछले 5-7 सालों में ऑनलाइन शॉपिंग में लोगों की दिलचस्पी काफी बड़ी है। ऑनलाइन…
दीदार ए इश्क
दिल पहली बार था धड़कामैं देख के उसको भड़कादेखा था उसको शादी मेंवो लगे नहाई!-->…
मन का शोर – शशिकांत सिंह
बिन पूछे सदा जो उड़ता ही चलेएक पल को भी कभी जो ना ढलेहै अटल ये टाले से भी ना!-->…
हौसला (कविता)
हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार हैहौसला विहान में बाल रवि का भास हैनाउम्मीदी!-->…
पुनि ब्रम्हाण्ड राम अवतारा, देखेहूँ बाल विनोद अपारा
भारतीय जन मानस के रोम रोम में राम व्याप्त है। राम चरित्र व्यापक और अनंत है। राम…
एकांत – कविता
एकांत जाने कैसे लोग रहते हैं भीड़ में,हमें तो तन्हाई पसंद आई है । अकेले बैठ!-->!-->!-->!-->!-->…
समाज में बढ़ते तलाक की वजह
भारतीय समाज में पति पत्नी का रिश्ता बहुत ही पवित्र रिश्ता माना जाता है जो तदो…
प्रेम बहे झरने सा तेरा
प्रेम बहे झरने सा तेरा || तन में सिहरन, सांसों में गतिमन भी व्याकुल,!-->!-->!-->…
मेरा गाँव मुझ में बसता है
मेरा गाँव मुझ में बसता है मेरा गाँव मुझे में बसता है आज के जमाने में गाँव!-->!-->!-->…
ना तेरा कसूर है…ना मेरा कसूर – बृजेश यादव
ये जो मदहोशी सी छायी है, तेरे हुस्न का सब कसूर है। ये जो खोया खोया सा मैं रहता…
कलम – कविता – वंदना जैन
कलमशब्द कम पड़ जाते हैंजब प्रेम उमड़ता है ढेर साराप्रियतम तक पहुचना चाह्ती है!-->…
मजदूरों की कहानी।।
एक मजदूर की ज़िन्दगी, कुछ शब्दों में सुनानी है। ध्यान से पढ़ना, ये एक मजदूर की…