कैसे खेलें हम ये रंग बिरंगी होली
जब दो गज दूर खड़ी हो हमजोली
लिए गुलाल हम गये छुने उसके गाल
रोक दिया उसने दुर से ही किया बबाल
बोली वो इस बार छूना नहीं,मजबुरी हैं
कोरोना काल मैं दो गज दूरी जरूरी है
पूरे साल के इंतजार के बाद मौका आया
जालिम कोरोना उस पर कैसा रोका लाया
कहते हैं जहां दिल से होती है चाह
कहीं ना कहीं से निकल आती है राह
हम भी ऐसे कैसे हारने वाले थे
आशिक,दिल फेंक दिलवाले थे
बाल्टी भर सैनिटाइजर से स्नान कर लिया
जाकर उसके गालों को रंगों से भर दिया
वो भी रंग गई मेरे साथ होली के रंगों में
खो गए हम दोनों होली के हुड़दंगों में
फिर तो खूब जमाया हमने मिलकर रंग
झूम झूम कर नाचे,खूब गाये पीकर भंग
होली में संग हमजोली करते रहे ठिठोली
गांव के मोहल्लों से निकली मस्तों की टोली
होली के बहाने मैं उसका वो मेरी होली है
बुरा न मानो होली है, होली है ,होली है
कोरोना में होली – कविता
Related Posts
ना तेरा कसूर है…ना मेरा कसूर – बृजेश यादव
ये जो मदहोशी सी छायी है, तेरे हुस्न का सब कसूर है। ये जो खोया खोया सा मैं रहता…
युवा का अब आगाज हो
युवा का अब आगाज हो युवा का अब आगाज हो,एक नया अन्दाज़ हो,सिंह की आवाज हो,हर युवा…
एकांत – कविता
एकांत जाने कैसे लोग रहते हैं भीड़ में,हमें तो तन्हाई पसंद आई है । अकेले बैठ के…
इरफ़ान ख़ान, हर दिल की जान
इरफ़ान ख़ान, हर दिल की जान इरफ़ान ख़ान,हर दिल की जान,एक अलग पहचान,एक अलग पहचान । ४…
कलम – (कविता) अभिनव कुमार
कलम ✍🏻 छोटी बहुत ये दिखती है, प्रबल मग़र ये लिखती है,बड़ों बड़ों को…
राम राज्य – कविता अभिनव कुमार
राम राज्य,बजें ढोल नगाड़े,दुर्जन हैँ हारे,हैं राम सहारे । नस नस में राम,बसे हर कण…
दीदार ए इश्क
दिल पहली बार था धड़कामैं देख के उसको भड़कादेखा था उसको शादी मेंवो लगे नहाई चांदी…
दौर जाएगा बीत…
दौर जाएगा बीत… सिर्फ़ इक्कीस दिन,दे ये पलछिन । देदे ये मुझको,मेरे दर्द को समझो ।…
चुनावी मौसम
चुनावी मौसम चुनाव का मौसम आयाजन जन पर देखो छायाहोय सूट बूट या फटा पैजामासबका मन…
भगत, राज, सुखदेव … जिस्म अलग, रूह मगर एक
भगत, राज, सुखदेव … जिस्म अलग, रूह मगर एक .. तेईस मार्च,को गिरी थी गाज,था भगत को…
कागज और कलम – वन्दना जैन
कागज और कलम कागज और कलमकलम का गिटार लेकरथिरकने लगी मेरी उँगलियाँकागज के फर्श…
अब सूरज से मिलने जाना है ☀️ – चंद्रयान – अभिनव कुमार
चंद्रयान तीन,नहीं होए यकीन,अद्भभुत उपलब्धि,एक रात और दिन ! फतह लक्ष्य महान,फूंक…
सगी नहीं परायी ही सही
सगी नहीं परायी ही सही ,काश कोई मेरी भी बहन होती !! हर बात पर चिढ़ती, हर बात पर…
रफ़ाल – बेमिसाल
रफ़ाल - बेमिसाल रफ़ाल,तूफानी चाल,दुश्मन बेहाल,जी का जंजाल । करे तेज़ प्रहार,माने…
मन का शोर – शशिकांत सिंह
बिन पूछे सदा जो उड़ता ही चलेएक पल को भी कभी जो ना ढलेहै अटल ये टाले से भी ना…
जय हिंद …
जय हिंद … सैनिक है बैठा सीमा पर,सिर्फ़ तेरी मेरी ख़ातिर,मैं और तू तो हैं घर पर,वो…
काश तू कभी मिली ना होती
काश तू कभी मिली ना होती तो अच्छा होता दोस्तों के बहकावे मे ना आया होता तो अच्छा…
G20 – तारीफ़ तो बनती है
नमस्कार🙏🏻G20 दिल्ली शिखर सम्मेलन 2023 की सफ़लता अब जग ज़ाहिर है…
अज़य महिया छद्म रचनाएँ – 14
कितने साल गुज़र गए तेरी गलियों में आते-जाते पता ही नहीं चला, ना तू मिल सकी ना…
प्रेम बहे झरने सा तेरा
प्रेम बहे झरने सा तेरा || तन में सिहरन, सांसों में गतिमन भी व्याकुल, नव-जन्में…