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3 सालों में मोदी से कितना खुश हुए लोग

3 सालों में मोदी से कितना खुश हुए लोग

देश में भाजपा की सरकार बने 3 साल हो गए हैं मोदी सरकार की लोकप्रियता तो इसी बात से झलकती है कि लोग अब भाजपा की सरकार नहीं मोदी की सरकार कहकर संबोधित करते हैं। भाजपा की सरकार से पहले केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और 2014 में कांग्रेस का इतनी बुरी तरह हारने का सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार तथा अव्यवस्थित होता समाज का ढांचा था।

2014 में जब नरेंद्र मोदी ने देश की कमान अपने हाथों में ली थी तब देश अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा था विकास दर 5 फीसदी से भी कम थी देश का खजाना लगभग खाली हो चुका था अंतरराष्ट्रीय संबंधों की बात करें तो भारत के संबंध दो चार देशों को छोड़कर किसी भी देश के साथ विश्वसनीय नहीं थे। सत्ता में आने के बाद मोदी जी ने देश में फेंंली अव्यवस्था को समेटने के प्रयास किए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जितने फैसले नरेंद्र मोदी ने किए उतने 1992 से अब तक नहीं लिए गए। जन-धन योजना, नोटबंदी, मुद्रा योजना, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान आदि योजनायें चलाकर नरेंद्र मोदी ने देश में फैले भ्रष्टाचार और अवस्था को समेटने का भरसक प्रयत्न किया जिससे लोग खुश भी हुए।

नोटबंदी देश का सबसे बड़ा मुद्दा था और मोदी सरकार द्वारा लिया गया सबसे बड़ा फैसला था जबकि मोदी जी जानते थे कि उन्होंने बहुत बड़ा रिस्क देश के धनाढ्यों और राजनीतिज्ञों से लिया है लेकिन नोटबंदी सफल रही तथा करोड़ों का कालाधन अर्थव्यवस्था में वापस लौटा। नोटबंदी तथा अन्य आर्थिक सुधारों का नतीजा यह है कि आज 90 लाख से अधिक कर दाता बढे हैं जिससे राजस्व में काफी वृद्धि हुई है। राजस्व के बढ़ने से यह फायदा हुआ है कि मोदी जी ने जन कल्याण की योजनाएं चलाई, स्वच्छ भारत अभियान, उज्ज्वला योजना, सुकन्या योजना देश की आम जनता के लिए लाई गई योजनाए थी। उज्ज्वला योजना के तहत दो करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस देने का वादा, 4.5 करोड़ शौचालयों, 14000 गांव में बिजली करण, आसान होम लोन, किसानों की कर्जमाफी, सफल बीमा योजनाएं, सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं देकर मोदी जी ने गरीबों को काफी राहत प्रदान की है।

जनधन योजना के तहत 28.52 करोड़ खाते खोलकर देश के दूरदराज क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई गई अब तक जो लोग पैसा घर में रखते थे अब बैंकों में जमा करने लगे, इससे देश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम मिला। मुद्रा योजना के तहत 7,64,11,7 64 लोगों को 3,28,452 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया जिससे स्वरोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए।

मोदी जी की विदेश नीति की बात करें तो अमेरिका,रूस, एशिया-यूरोप, अफ्रीका आदि जिस देश की भी यात्रा मोदी जी ने की है अपनी अमिट छाप छोड़ कर आए हैं साथ ही विदेशी निवेशकों का विश्वास इस सरकार ने जीता है। जाधव को पाकिस्तान के चुंगल से छुड़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो प्रयास मोदी जी ने किए वह काबिले तारीफ है पाकिस्तान के अलावा ईरान,इराक, यमन, सीरिया में फंसे हजारों लोगों को भारत सुरक्षित बुलाया लाया गया|

मोदी जी के किए गए इन कार्यों को आम जनता भुला नहीं सकती शहीद फौजियों के परिवार का दर्द अगर किसी ने समझा है तो वह है मोदी सरकार। सर्जिकल स्ट्राइक तथा नौसेना ऑपरेशन के द्वारा मोदी सरकार ने बता दिया है कि कोई भी देश भारत को कमजोर समझने की गलती ना करें सरकार की इस कार्यवाही से न केवल सैनिकों का हौसला बढ़ा है बल्कि आम जनता का विश्वास भी मोदी सरकार पर बढ़ा है इतने बड़े देश की अर्थव्यवस्था और इस देश की जनता को साथ लेकर चलना छोटी बात नहीं है “मील का पत्थर है” जिसे मोदी जी ने काफी हद तक तय कर लिया है।

हालांकि कुछ क्षेत्र ऐसे भी है जहां लोग मोदी जी से असंतुष्ट हुए हैं जैसे रोजगार के क्षेत्र में उम्मीद के हिसाब से रोजगार सृजन नहीं हो पाए हैं किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं निकल पाया है। किसानों की बढ़ती आत्महत्या की दर ने कहीं ना कहीं मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है किसानों की समस्याओं का समाधान काफी हद तक मोदी जी ने किया है और कर भी रहे हैं फिर भी प्राकृतिक आपदाओं की मार से प्रभावित किसानों के दर्द को मोदी जी दूर नहीं कर पा रहे हैं। 121 करोड़ जनता को संतुष्ट करना संभव तो नहीं है फिर भी मोदी जी ने इस देश में फैली अराजकता, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को काफी हद तक समेटने की कोशिश की है।

अपने विचारों तथा अभिव्यक्तियों से दुनिया को अवगत कराने का सबसे अच्छा माध्यम है लेखन। लेखन में वह शक्ति होती है जो किसी को भी मात दे सकती है। एक लेखक में वह कला होती है, जो अपनी लेखनी से लोगों के दिलों पर राज कर सकता है। आज हम जिस लेखिका से आप का परिचय…

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