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मां बनने में अब उम्र कोई बाधा नहीं एग फ्रीजिंग से राह हुई आसान

मां बनने में अब उम्र कोई बाधा नहीं एग फ्रीजिंग से राह हुई आसान

आज महिलाएं पढ़ाई में कैरियर के चलते न केवल सा शादी देर से कर रही है बल्कि वह बच्चा भी देर से पैदा करना चाहती हैं ऐसा माना जाता है कि 40 साल की उम्र तक आते-आते महिलाओं में गर्भधारण का समय समाप्त हो जाता है परंतु इसका एक अपवाद फराह खान भी है उन्होंने 43 वर्ष की उम्र में पहली बार 3 बच्चों को जन्म दिया है। हम मानते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के अंडाणुओं की संख्या के साथ उन की गुणवत्ता में कमी आने लगती है परंतु मेडिकल साइंस ने इस का विकल्प खोज लिया है और यह तकनीक है- ‘एग फ्रीजिंग तकनीक’।

एग फ्रीजिंग क्या है-:

एग फ्रीजिंग से पहले एचआईवी ,हेपेटाइटिस बी तथा सी की जांच की जाती है इसके बाद एग को सर्जरी करके निकाला जाता है फिर एग को -196 डिग्री सेल्सियस पर लिक्विड नाइट्रोजन में रखकर फ्रिज किया जाता है इससे यह लंबे समय तक सुरक्षित रहता है, जब भी आप गर्भधारण के लिए तैयार होगी फ्रोजेन एग को सामान्य अवस्था में लाकर निडिल की मदद से आपके पार्टनर के एक स्पर्म से निषेचित किया जाता है इसके बाद निषेचित एग को गर्भाशय में स्थांतरित कर दिया जाता है महिलाओं में 35 की उम्र के बाद अंडाणु बनने की छमता व गुणवत्ता दोनों में कमी आ जाती है।

क्रोमोजोम की गुणवत्ता खराब होने से गर्भस्थ शिशु में विकृतियों की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में यदि आप 30 की उम्र से पहले मां नहीं बनना चाहती तो आपको 25 -30 की उम्र में अपने अंडाणु फ्रीज करा देना चाहिए क्योंकि इस उम्र में अंडाणुओं की गुणवत्ता सबसे बेहतर होती है इसे कम से कम 10 वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकता है । महिलाएं जिन्हें कैंसर हुआ हो मगर उनकी कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी शुरू न हुई हो उनके अंडाणु फ्रीज करके उनकी फर्टिलिटी को सुरक्षित किया जा सकता है।

जो महिलाएं देर से मां बनना चाहती है वह 25-30 वर्ष की उम्र में अपने एग फ्रीज करा सकती है तथा जब महिलाओं को लगे कि अब मां बनने का सही समय है तो अंडाणुओं को भ्रूण के रूप में उस महिला के गर्भाशय में स्थापित कर दिया जाता है एग फ्रीजिंग की मदद से 35 वर्ष की उम्र के बाद भी प्रेगनेंसी के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
कुछ अध्ययनों से खुलासा हुआ है कि आप 30 साल की उम्र के बाद मां बनती है तो जुड़वा बच्चे होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।इस उम्र में बिना किसी उपचार के एक से ज्यादा शिशुओं को जन्म देने की संभावना ज्यादा होती है।

अधिकतर महिलाएं पढ़ने के बाद अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं और यह होना भी चाहिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना चाहिए जिससे वह किसी पर भी निर्भर ना रह सकेंं जीवन में कैसा भी समय आए उसका सामना वह आसानी से कर सकती है ऐसे में अगर वह अपनी पढ़ाई वह कैरियर को ध्यान में रखते हुए शादी देर से करती है या बच्चा देर से पैदा करना चाहती है तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है आखिर अपनी जिंदगी को अपनी तरह से जीने का हक हर किसी को है। आज विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि इन समस्याओं का समाधान भी मिल जाता है इसीलिए परेशान ना हो कर अपने जीवन में जो कर रही है उसे करती रहें।

अपने विचारों तथा अभिव्यक्तियों से दुनिया को अवगत कराने का सबसे अच्छा माध्यम है लेखन। लेखन में वह शक्ति होती है जो किसी को भी मात दे सकती है। एक लेखक में वह कला होती है, जो अपनी लेखनी से लोगों के दिलों पर राज कर सकता है। आज हम जिस लेखिका से आप का परिचय…

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