कविता

मै मुस्कुराहट हूं

मै मुस्कुराहट हूं तु जिन्दगी का अनजान राही है ,चलना तेरा काम बाधाओं को चूमूंगी,मुस्कान मेरा नाम ।

मै मुस्कुराहट हूं

तु जिन्दगी ….
का अनजान राही है ,चलना तेरा काम
बाधाओं को चूमूंगी,मुस्कान मेरा नाम ।

अपने साथ‌ रखो मुझे तुम ,हे बटोहिया !
तेरी राहों को अपने फूलों से सजा दूंगी ।।

कितनी दफ़ा चूमा तुमने कई‌ कांटों को
करवट लेकर बिता‌या कितनी रातों को ।

ईक रोज‌ सजाकर‌ देखो,अपने लबों पर मुझे
मै तेरे दिल-ए-ग़मों को अपना बना लूंगी ।।

वक्त पीछा न छोड़े ,जब तेरी तन्हाई का
इतज़ार करे ये, जब सब तेरी मौत‌ की शहनाई का ।

तब दिल से तुम धीरे-से आवाज देना मुझे
तेरे उजड़े चमन को बीता कल बना दूंगी ।।

Ajay mahiya

मै लेखक अजय महिया मेरा जन्म 04 फरवरी 1992 को एक छोटे से गॅाव(उदासर बड़ा त नोहर. जिला हनुमानगढ़ राजस्थान) के किसान परिवार मे हुआ है मै अपने माता-पिता का नाम कविता व संगीत के माध्यम करना चाहता हूं मै अपनी अलग पहचान बनाना चाहता हूं

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